Gwalior News: ट्रेन बदलते समय प्लेटफॉर्म से लापता हुआ बेटा, वायरल वीडियो ने 7 महीने बाद परिवार से मिलाया..पढ़ें दिलचस्प खबर

Chitrakoot News: ग्वालियर स्टेशन पर ट्रेन बदलते समय प्लेटफॉर्म पर बेटा लापता हो गया। काफी तलाश किया, लेकिन वह नहीं मिला। जीआरपी ग्वालियर में भी सूचना दी पर कोई सफलता नहीं मिल रही थी।

  • Reported By: Nasir Gouri

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  • Publish Date - June 30, 2025 / 02:06 PM IST,
    Updated On - June 30, 2025 / 02:09 PM IST

Gwalior News, image source ibc24

HIGHLIGHTS
  • डीएसपी ने एक रील सोशल मीडिया पर शेयर की
  • रील 400 किलोमीटर दूर चित्रकूट कर्बी के सपहा गांव पहुंच गई
  • ढाई घंटे में ही रील को 10 लाख से ज्यादा लोगों ने देख लिया

ग्वालियर|चित्रकूट : Gwalior News, , सोशल मीडिया वायरल वीडियो ने एक बेटे को उसके माता-पिता तक पहुंचा दिया। 7 महीने पहले युवक के पिता उसे यूपी के आगरा इलाज के लिए ले जा रहे थे। तभी ग्वालियर स्टेशन पर ट्रेन बदलते समय प्लेटफॉर्म पर बेटा लापता हो गया। काफी तलाश किया, लेकिन वह नहीं मिला। जीआरपी ग्वालियर में भी सूचना दी पर कोई सफलता नहीं मिल रही थी।

इस बीच, यह लड़का लावारिस स्थिति में सड़क पर ग्वालियर पुलिस को मिल गया। उससे लगातार पारिवारिक डिटेल्स पूछी जा रही थी, लेकिन वह अपने नाम के अलावा कुछ भी नहीं बता पा रहा था। बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया। जहां वह बालिग निकला तो उसे आश्रम स्वर्ग सदन भेज दिया गया। इस बीच, 15 जून को डीएसपी संतोष पटेल अपने बेटे के साथ आश्रम में फादर्स डे सेलिब्रेट करने पहुंचे थे।

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जब उन्होंने इस लड़के को देखा तो उससे बात करने लगे। उसकी भाषा चित्रकूट की तरफ की लगी। आश्रम की तरफ से उसकी कहानी बताई गई तो डीएसपी ने एक रील सोशल मीडिया पर शेयर कर दी, जिसे सिर्फ ढाई घंटे में ही रील को 10 लाख से ज्यादा लोगों ने देख लिया। रील 400 किलोमीटर दूर चित्रकूट कर्बी के सपहा गांव पहुंच गई। इसके बाद 28 जून को बेटे को लेने उसके मां-पिता ग्वालियर आए और उसे ले गए।

दरअसल, ग्वालियर में दिसंबर 2024 में एक लड़का लावारिस हालात में सड़कों पर घूमते मिला था। वह मानसिक रूम से कमजोर लग रहा था और अपने बारे में भी कुछ नहीं बता पा रहा था। सड़क के आवारा कुत्ते उसके पीछे पड़े हुए थे। जब स्थानीय पुलिस को वह मिला तो पुलिस को लगा कि वह नाबालिग है। इस पर तत्काल उसे CWC के सामने पेश किया गया। वहां से उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया तो वह बालिग निकला। इसके बाद बाल कल्याण समिति ने उसे फरवरी 2025 में ग्वालियर स्थित स्वर्ग सदन आश्रम भेज दिया।

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स्वर्ग सदन आश्रम का संचालन विकास गोस्वामी करते हैं। यह संस्था भटके हुए लोगों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए काम करती है। स्वर्ग सदन में लावारिस मिले निर्भय से लगातार बातचीत की जाती थी, जिससे वह अपने परिवार के बारे में कुछ बता सके। वह आए दिन कुछ न कुछ बड़बड़ाता रहता था। कई बार उससे उसके घर का पता पूछा जाता था तो वह बता नहीं पाता था। विकास गोस्वामी की टीम लगातार उसकी काउंसलिंग कर रही थी, लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी।