मंदसौर, 23 मई (भाषा) केन्या के एक प्रतिनिधिमंडल ने मध्य प्रदेश के गांधी सागर अभ्यारण्य में चीतों को बसाने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए इस क्षेत्र का दौरा किया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि छह सदस्यीय दल ने 21 और 22 मई को मंदसौर और नीमच जिलों में फैले अभ्यारण्य का दौरा किया।
दो साल पहले राज्य के श्योपुर जिले के कुनो नेशनल पार्क (केएनपी) में चीतों को लाने बाद सरकार उन्हें गांधी सागर में भेजने की योजना बना रही है। इस जानवर को 1952 में भारत से विलुप्त घोषित कर दिया गया था।
वन अधिकारी ने बताया कि पहले दिन केन्या के दल ने चीतों को केएनपी में भेजने और उन्हें वहां बसाने के लिए अनुकूल माहौल विकसित करने की तैयारियों के संबंध में कार्ययोजना की जानकारी हासिल की। दूसरे दिन इसने 30 दिनों की प्रारंभिक अवधि के लिए बाड़ों की व्यवस्था सहित 6,400 हेक्टेयर में बने बाड़ों का दौरा किया।
उन्होंने बताया कि दल ने चीतों की निगरानी के लिए कैमरों और उनके लिए जल स्रोतों का भी निरीक्षण किया।
दल को उन उपकरणों और प्रौद्योगिकी से अवगत कराया गया जिनका उपयोग भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के विशेषज्ञ जानवरों की निगरानी के लिए करेंगे।
केएनपी में 17 सितंबर 2022 को आठ नामीबियाई चीतों को छोड़ा गया था। फरवरी 2023 में अन्य 12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से पार्क में लाया गया। वर्तमान में केएनपी में 27 चीते हैं, जिनमें 14 शावक भी शामिल हैं जो भारत की धरती पर ही जन्मे हैं।
भाषा दिमो खारी
खारी