नामांकन वापसी के बाद साफ हुई तस्वीर, MP उपचुनाव में पलड़ा किसका भारी..? देखें मौजूदा समीकरण

नामांकन वापसी के बाद साफ हुई तस्वीर, एमपी उपचुनाव में पलड़ा किसका भारी..? देखें मौजूदा समीकरण

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  • Publish Date - October 13, 2021 / 10:21 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:47 PM IST

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भोपाल। प्रदेश की चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिये आज नामांकन वापसी का आखिरी दिन था.. नाम वापसी के साथ ही खंडवा लोकसभा समेत रैगांव, पृथ्वीपुर और जोबट विधानसभा में उम्मीदवारों की तस्वीर साफ हो गई.. अब कुल 48 प्रत्याशी मैदान में हैं..जिनकी किस्मत का फैसला 30 अक्टूबर को जनता करेगी..
वहीं बागी नेताओं के नाम वापसी के बाद बीजेपी और ने कांग्रेस थोड़ी राहत की सांस जरूर लेगी.. खास तौर पर सत्ता रूढ़ बीजेपी..लेकिन सवाल ये है..कि क्या नाम वापस लेने वाले नेता अब पार्टी के लिए खुलकर प्रचार करेंगे..या फिर अंदरूनी भीतरघात की कोई गुंजाइश अभी भी है..सवाल ये भी की..मौजूदा समीकरण में किसका पलड़ा भारी रहेगा..

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नामांकन वापसी के बाद खंडवा लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पर होने वाले उपुचनाव के लिये तस्वीर पूरी तरह साफ हो गई है..इन सीटों पर अब सीधा मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है.. दोनों दलों में बगावती तेवर अपनाने वाले नेताओं ने चुनाव से अपना नाम वापस ले लिया है..लेकिन नाम वापस लेने वाले नेता पार्टी के लिये खुल कर प्रचार करते हैं या नहीं..ये बड़ा सवाल है.. जाहिर है सत्ता रूढ़ बीजेपी में नाराज नेताओं की लंबी लिस्ट थी..खासकर रैगांव विधानसभा में बीजेपी को बागरी परिवार ने बड़ी राहत दी है.. नामांकन फॉर्म दाखिल करने वाले पुष्पराज बागरी और देवराज बागरी की पत्नी वंदना बागरी ने नाम वापस ले लिया है.. हालांकि फार्म वापसी के दौरान वंदना भावुक नजर आई…

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वहीं पृथ्वीपुर सीट पर सपा से पूर्व विधायक डॉ शिशुपाल सिंह यादव को टिकट से स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ता खुश नहीं हैं.. यही हाल जोबट में है…यहां कांग्रेस से आई पूर्व मंत्री सुलोचना रावत को टिकट देने के विरोध में कई पदाधिकारियों ने इस्तीफे की पेशकश तक कर दी है.. वहीं खंडवा लोकसभा सीट पर पूर्व सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह टिकट नहीं मिलने के बाद अंडरग्राउंड ही हैं..हालांकि नाराजगी की खबरों को बीजेपी सिरे से खारिज कर रही है !

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दूसरी ओर कांग्रेस में बगावती सुर कम सुनाई दी..हालांकि जोबट सीट पर महेश पटेल को उम्मीदवार बनाने के बाद पूर्व विधायक कलावती भूरिया के भतीजे दीपक भूरिया ने निर्दलीय नामांकन किया था.. हालांकि दीपक ने नामांकन वापस ले लिया है पर उसके बाद भी उनकी नाराजगी की खबरे हैं !

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वैसे तो मध्यप्रदेश में उपचुनाव की जंग में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा त्रिकोणीय संघर्ष की आमतौर पर कम ही देखने को मिलती है..पर दावेदारों की नाराजगी ने चार सीटों में होने वाले उपचुनाव को दिलचस्प कर दिया है.. ये तो तय है कि नाम वापसी के बाद बागी नेता अब खुलकर विरोध नहीं करेंगे.. लेकिन क्या अंदरूनी बगावत से भीतरघात का खतरा अभी भी बना हुआ है.. ये बड़ा सवाल है..और सवाल ये भी कि नामांकन वापसी के बाद बीजेपी या कांग्रेस…उपचुनाव में किसका पलड़ा भारी है…