Story of Shambhu Vishwakarma
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दुर्गेश शर्मा, आगर मालवा। जिले के छोटे से गांव महुडिया के निवासी शंभू विश्वकर्मा ने शारीरिक कमजोरी को ही अपनी ताकत बनाया। पूर्ण रूप से दृष्टिहीन दिव्यांग छात्र सामान्य बच्चों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं। आंखे न होने पर भी ब्रेल लीपी से पढ़ाई कर पोस्ट मास्टर बन गए है। शंभू ने कक्षा 10वीं में 87 प्रतिशत अंक अर्जित कर प्रतिभा का परिचय दिया था, जिसके बाद अब पोस्ट मास्टर के लिए चयन हुआ है। जानकारी के अनुसार, शंभू की पोस्टिंग धार जिले में होगी।
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