ग्रेटर नोएडा
दार्शनिक, लेखक और प्रशांतअद्वैत फाउंडेशन के संस्थापक आचार्य प्रशांत ने सोमवार को मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल से राजभवन, भोपाल में भेंट की। इस अवसर पर भारतीय दर्शन के महत्वपूर्ण विषयों, विशेषकर वेदांत और श्रीमद्भगवद्गीता के समकालीन महत्व पर चर्चा हुई।
इस संवाद के दौरान आचार्य प्रशांत ने बताया कि किस प्रकार सनातन ज्ञान को आज के युवाओं तक पहुँचाना समय की आवश्यकता है। उन्होंने इस दिशा में प्रशांतअद्वैत फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया, जिनमें प्रमुख हैं – सिनेमा हॉलों, तकनीकी संस्थानों और शैक्षणिक परिसरों में वेदांत पर आधारित विचारों की प्रस्तुति। उन्होंने हाल ही में भोपाल स्थित पीवीआर और आइनॉक्स मल्टीप्लेक्स तथा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT), भोपाल में आयोजित प्रस्तुतियों का उल्लेख किया, जहाँ युवाओं ने उनके विचारों को गहराई से सुना और सराहा।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने आचार्य प्रशांत के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वेदांत और गीता जैसे कालजयी ग्रंथों को आधुनिक भाषा और संदर्भों में प्रस्तुत करने की यह पहल सराहनीय है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयासों से भारत की सनातन परंपरा को नई पीढ़ी के बीच पुनर्जीवित किया जा सकता है, जिससे समाज में आध्यात्मिक चेतना और नैतिक मूल्यों का संचार होगा।
प्रशांतअद्वैत फाउंडेशन विगत वर्षों से भारतीय दर्शन को व्यापक जनमानस तक पहुँचाने में सक्रिय रहा है। आचार्य प्रशांत के विचार विशेषकर युवाओं में वैचारिक स्पष्टता, विवेक और आत्म-जागरूकता को प्रेरित कर रहे हैं। उनका मानना है कि आध्यात्मिकता को केवल पूजा-पाठ तक सीमित न रखकर जीवन की मूलभूत समस्याओं के समाधान के रूप में देखा जाना चाहिए।
यह मुलाकात भारतीय अध्यात्म और आधुनिक विचारधारा के संगम का एक प्रतीक बन गई, जहाँ ज्ञान की परंपरा और वर्तमान पीढ़ी के बीच संवाद की नई राह खुलती दिखी।