Regularizing Contractual Teachers: प्रदेश के अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण का रास्ता साफ़!.. प्रतिनिधिमंडल का मंत्रालय बुलावा, होगी वार्ता
अतिथि शिक्षक स्कोर कार्ड में प्रत्येक सत्र के अनुभव के 10 अंक अधिकतम 100 अंक सभी वर्गों में शामिल करें।
Contractual Teachers Regulariztion Govt Latest Order and Notification
भोपाल: नियमितीकरण समेत अपनी पांच मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे अतिथि यानी गेस्ट टीचर्स की मांगो पर अब सरकार ने संज्ञान लिया हैं। विभागीय मंत्री के द्वारा आंदोलनरत अतिथि शिक्षकों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को मंत्रालय का बुलावा मिला हैं। (Contractual Teachers Regulariztion Govt Latest Order and Notification) उम्मीद जताई जा रही हैं कि मंत्री वरिष्ठ अफसरों की मौजूदगी में टीचर्स की मांगो पर चर्चा करेंगे।
क्यों हो रहा आंदोलन?
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री के बंगले के ,घेराव के मकसद से आज अथिति शिक्षकों का हुजूम रवाना हुआ था। हालाँकि पुलिस ने उनका रास्ता पहले ही रोक दिया और वह बंगले का घेराव नहीं कर पायें। (Contractual Teachers Regulariztion Govt Latest Order and Notification) बात दें कि अतिथि शिक्षक महासंघ ने द्वारा नियमितिकरण समेत 5 मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि प्रदेशभर के शिक्षक अंबेडकर मैदान में जुटे थे।
क्या हैं अतिथि शिक्षकों की मांगे?
- अतिथि शिक्षक स्कोर कार्ड में प्रत्येक सत्र के अनुभव के 10 अंक अधिकतम 100 अंक सभी वर्गों में शामिल करें।
- अनुभव के आधार पर नीति बनाकर अतिथि शिक्षकों को 12 माह का सेवाकाल और पद स्थाई करें।
- 30% से कम परीक्षा परिणाम वाले अतिथि शिक्षकों को एक और मौका दिया जाए।
- गुरुजियों की तरह अलग से विभागीय पात्रता परीक्षा लेकर नियुक्ति की जाए।
- अतिथि शिक्षक भर्ती में वार्षिक अनुबंध सत्र 2024-25 से लागू करें।
Read Also: भारत के पांच साल में एमवे के शीर्ष तीन वैश्विक बाजारों में शामिल होने की उम्मीद: चोपड़ा
विपक्ष ने भी साधा सरकार पर निशाना
सदन में नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने कहा कि “देखिए शिवराज सिंह चौहान तो चले गए। 15 साल सीएम रहे। न प्रदेश के शिक्षकों की बात की न किसानों की। (Contractual Teachers Regulariztion Govt Latest Order and Notification) अतिथि शिक्षक परेशान हैं। महापंचायतें तो बुला लेते हो। आश्वासन दे देते हो। वोट ले लेते हो, लेकिन इनकी बात पूरी क्यों नहीं करते। वह शांतिपूर्वक से बात करना चाहते हैं तो सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए।”

Facebook



