Bhopal Digital Arrest: पहलगाम आतंकी हमले से जोड़ दिया नाम.. 75 साल के बुजुर्ग वकील को इस तरीके से साइबर ठगों ने किया डिजिटल अरेस्ट.. लेकिन फिर..

गों ने उनसे आधार कार्ड, बैंक खातों की जानकारी और अन्य निजी जानकारी मांगी। करीब ढाई घंटे तक जब वे कमरे से बाहर नहीं निकले तो उनके बेटे जिया उल हसन को शक होने लगा।

  • Reported By: Harpreet Kaur

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  • Publish Date - November 3, 2025 / 01:22 PM IST,
    Updated On - November 3, 2025 / 02:22 PM IST

Bhopal Digital Arrest || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • फर्जी एटीएस अधिकारी बन ठगी की कोशिश
  • तीन घंटे तक रखा डिजिटल अरेस्ट में
  • पुलिस ने समय रहते बचाया एडवोकेट

Bhopal Digital Arrest: भोपाल: यहां कोहेफिजा इलाके में सीनियर एडवोकेट के डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। साइबर ठगों ने खुद को एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वॉड) अधिकारी बताकर ठगी की कोशिश की। करीब तीन घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रहने के बाद पुलिस ने बुजुर्ग को आरोपियों के चंगुल से मुक्त कराया। जालसाजों ने पहलगाम आतंकी हमले में उनके नंबर के इस्तेमाल किए जाने की बात कहकर उन्हें डराया था।

पहलगाम आतंकी हमले का किया जिक्र

पुलिस के अनुसार, कोहेफिजा निवासी 75 वर्षीय शम्स उल हसन, जो कि सीनियर एडवोकेट हैं, उन्हें अचानक एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप वीडियो कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को पुणे एटीएस का सब-इंस्पेक्टर अभय प्रताप सिंह बताया और कहा कि शम्स उल हसन का नाम पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ गया है। उसने बताया कि आपके मोबाइल की जांच में संदिग्ध संदेश और कॉल मिले हैं, इसलिए अब आपको डिजिटल हाउस अरेस्ट किया जा रहा है। उसने कहा कि आप तुरंत अपने कमरे में चले जाएं, दरवाजा बंद करें और किसी से बात न करें। वीडियो कॉल पर दो युवक पुलिस की वर्दी में नजर आए, जिससे शम्स उल हसन को भरोसा हो गया कि कॉल असली है। डर की वजह से उन्होंने खुद को कमरे में बंद कर लिया।

पुलिस से की शिकायत

Bhopal Digital Arrest: इस दौरान ठगों ने उनसे आधार कार्ड, बैंक खातों की जानकारी और अन्य निजी जानकारी मांगी। करीब ढाई घंटे तक जब वे कमरे से बाहर नहीं निकले तो उनके बेटे जिया उल हसन को शक होने लगा। जब बार-बार आवाज देने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो वे तुरंत कोहेफिजा थाने पहुंचे और पूरी बात बताई। पुलिस टीम तत्काल उनके घर पहुंची और हालात की जानकारी ली। जालसाज उनसे रकम ले पाते, उससे पहले पुलिस ने समझाइश देकर वकील को दरवाजा खोलने के लिए कहा। जब उन्होंने गेट खोला तो मोबाइल कॉल कट हो गया। इसके बाद बुजुर्ग ने पुलिस को पूरी जानकारी दी। फिलहाल पुलिस ठगों का पता लगाने में जुटी हुई है।

इन्हें भी पढ़ें:

प्र1. डिजिटल अरेस्ट क्या होता है?

डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगी का तरीका है, जिसमें कॉल पर झूठा अपराध बताकर डराया जाता है।

प्र2. भोपाल में वकील को कैसे ठगा गया?

साइबर ठगों ने फर्जी एटीएस अधिकारी बनकर वकील को तीन घंटे तक बंधक बना लिया।

प्र3. पुलिस ने वकील को कैसे बचाया?

वकील के बेटे की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उन्हें ठगों के जाल से मुक्त कराया।