भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश में अफसरों के बहाने पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है। कांग्रेस ने अधिकारियों की नीयत और कैरेक्टर पर कमेंट कर नया विवाद खड़ा कर दिया। वहीं सत्तापक्ष ने इस बहाने कांग्रेस को घेरने की कोशिश की है। कर्मचारियों और अधिकारियों पर पूर्व सीएम कमलनाथ भी टिप्पणियां करते रहे हैं। इस बार उनकी जगह, कोई और है पर ये आवाज आई कांग्रेस से ही इस लड़ाई के मायने क्या हैं क्या कांग्रेस लाखों कर्मचारी-अधिकारियों की नाराजगी अफोर्ड कर सकती है?
कांग्रेस ने ब्यूरोक्रेसी के खिलाफ अपने तेवर साफ कर दिए हैं। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इशारों में ये कह दिया है कि अगर अफसर मनमानी करेंगे तो सत्ता में आने के बाद उन्हें कांग्रेस नहीं बख्शेगी। कांग्रेस नेताओं ने किसानों के मंच से ये दावा किया कि मध्यप्रदेश में कलेक्टरी पैसों के दम पर बिक रही है…यानी कलेक्टर और एसपी पैसा देकर मैदानी पोस्टिंग हासिल कर रहे हैं और बीजेपी के दबाव में कांग्रेस के खिलाफ काम कर रहे हैं। जाहिर है काग्रेस के ये आरोप सीएम डॉ मोहन यादव को पसंद नहीं आए लिहाजा वो भी कांग्रेस पर बरस पड़े।
दरअसल कांग्रेस ये दावा करते रही है कि बीजेपी सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ फर्जी कार्रवाई की जा रही है। कलेक्टर एसपी बीजेपी सरकार के कहने पर काम कर रहे हैं। कांग्रेस नेताओं के खिलाफ अनाप शनाप मुकदमें लादे जा रहे हैं। इसके पहले भी पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कांग्रेस के आंदलनों के दौरान खुद पर लाठी चलाए जाने पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को खत लिखा था। खैर,कांग्रेस अब भी यही कह रही है कि कलेक्टर एसपी की पोस्टिंग का पैसा उपर तक जा रहा है। कांग्रेस इसकी खिलाफत करती रहेगी।
Face To Face Madhya Pradesh: कमलनाथ सरकार गिरने के बाद से ही कांग्रेस ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठाती आई है। कांग्रेस ये दावा करती रही है कि बीजेपी ने ब्यूरोक्रेसी के जरिए ही विधानसभा चुनाव जीते हैं, लेकिन वही ब्यूरोक्रेसी कांग्रेस के लिए तब बेहतर हो जाती है जब बीजेपी नेताओं के खिलाफ काम करता है। जाहिर है कांग्रेस का ये सिलेक्टिव विरोध कई दफा उसकी ही राजनीति पर सवाल खड़ा कर देता है।