Face To Face MP: परेशानी की पाठशाला…MP में शिक्षक बिन School ! क्या सरकारी स्कूल भगवान भरोसे छोड़ दिए गए हैं?

Face To Face MP: परेशानी की पाठशाला...MP में शिक्षक बिन School ! क्या सरकारी स्कूल भगवान भरोसे छोड़ दिए गए हैं?

Face To Face MP: परेशानी की पाठशाला…MP में शिक्षक बिन School ! क्या सरकारी स्कूल भगवान भरोसे छोड़ दिए गए हैं?

Face To Face MP

Modified Date: July 25, 2024 / 10:27 pm IST
Published Date: July 25, 2024 10:27 pm IST

भोपाल। Face To Face MP:  मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों की हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि बच्चों को प्रदर्शन के लिए सड़क पर उतरना पड़ रहा है। अलग-अलग स्कूल, अलग अलग समस्याएं, पर नतीजा एक, पढ़ाई पर असर। नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ का ये दौर लगातार जारी है। सरकारें आती हैं जाती हैं, पर स्कूलों की सूरत नहीं बदलती। साल दर साल बजट में बढ़ोतरी भले हो जाए पर बुनियादी सुविधाओं और गुणवत्ता के मामले में वहीं ढांक के तीन पात वाली कहावत सच होती दिखती है।

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सवाल है क्या लाखों स्कूली बच्चों को क्या यूं ही उनके हाल पर छोड़ दिया जाएगा। वहीं शिक्षा मंत्री ने अपने बयान में कहा कि, हमारा मकसद बच्चों को बेहतर संसाधन उपलब्ध कराना है। बेहतर परिस्थितियां बच्चों को देना हमारी प्राथमिकता है, जहां संसाधनों की कमी है वहां पूरी करेंगे। वहीं बीजेपी ने कहा कि, 9000 सीएम राइज स्कूल प्रदेश में बन रहे हैं। कांग्रेस सरकार में शिक्षा भ्रष्टाचार का जरिया था। प्रदेश के बच्चों के साथ खिलवाड़ किया जाता था
कभी गुरुजी तो कभी शिक्षाकर्मी बना दिए जाते थे। कमलनाथ की सरकार में ढ़ोर चराने की शिक्षा दी जाती थी। BJP सरकार बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है।

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Face To Face MP: वहीं कांग्रेस ने अपने बयान में कहा कि, 6000 से ज्यादा स्कूल ऐसे हैं जिनमें लाइट की व्यवस्था नहीं है। 22000 से ज्यादा स्कूल, सिर्फ एक ही शिक्षक के दम पर चल रहे हैं। हजारों की संख्या में स्कूल सिर्फ कागजों पर चल रहे शिक्षा विभाग की बदहाली की जिम्मेदार BJP सरकार है।

 

 

 

 


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