IBC24 Janjatiya Pragya/Image Source: IBC24
भोपाल: IBC24 Janjatiya Pragya मध्यप्रदेश सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर IBC24 द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम “जनजातीय प्रज्ञा” का आगाज़ हो चुका है। इस महत्वपूर्ण मंच पर राज्य सरकार की जनहितैषी योजनाओं, अब तक की उपलब्धियों, और आगे की कार्ययोजना पर विस्तृत संवाद किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में संगठन के शिल्पी सेगमेंट अंतर्गत मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव शामिल हुए। उन्होंने सरकार के कामों को लेकर IBC24 की ओर से किए गए सवालों का जवाब दिया।
मेरे मन में तो एक गाना याद आता है। सुना दीजिए। तुम्हें और कह दूं दिल के सिवाय तुमको हमारी उम्र लग जाए। या जितना बने जो हो सकता है वो सब कुछ करने के लिए तैयार है। हमारे लिए यह मैंने फिर कहा कि इतना पवित्र जीवन इतनी उदात भाव उतनी सरलता सच्चे अर्थों में हमने देवता नहीं देखे हैं। लेकिन ट्राइबल के बेल्ट में चले जाएं तो घर-घर देवलोक दिखाई देता है। इतना आनंद आता है। इसका एहसास हमको ट्राइबल के अंदर जिसके घर आंगन में दरवाजे पे ताले का ठिकाना नहीं है। किसी के घर के अंदर जैसे आप जाओगे तो आनंद की वर्षा हो जाती है। कोई धन संग्रह की ज्यादा भावना नहीं। प्रकृति के साथ मस्ती के आनंद के साथ जीते हुए। ऋतुओं के साथ मन का भाव बदलता है। बसंत छाता है तो आपको बाद में मालूम पड़ता है। खिलते पलाश के फूल से महक आ जाती है। जंगल के साथ मानव जीवन में हर एक मौसम का जो आनंद है वो तो सच्चे अर्थों में प्रकृति के साथ जुड़ने वाले हमारे अपने जनजाति भाई बहनों का आता है। इसलिए हमने वह सारी चीजें भी करने का प्रयास किया। माननीय प्रधानमंत्री जी के मन में यह अत्यंत भावना है कि हमारे सीधे साधे सरल लेकिन मन के निर्मल भाई बहनों के लिए ठोस और काम करें। तो पीएम जनमान योजना के मलबूते पर उनके अपने के मकान बनाना। फिर हमने तो अपनी अभी वर्तमान में मंडला, बालाघाट, ढिंडोरी तीनों जिलों के अंदर विशेष छूट देकर के वहीं की हमारे भाई बहनों को नौकरियों में भी पुलिस के अंदर भर्ती करने के लिए 850 पदों की वैकेंसी निकाली है।
सभी प्रकार के उद्योग से रोजगार से जोड़ते हुए ट्राइबल के बिल्ट में उसकी अलग से हमने सब्सिडी दी है। हमने अभी पहली बार एमएसपी पे कोदो कुटकी खरीदने के लिए उसका दोनों का रेट भी दिया वो प्रति क्विंटल 1000 का बोनस अलग से दे रहे हैं। ताकि हमारे अपने जो वंचल है आदिवासी अंचल है वो कोदो कुटकी से अच्छा श्री अन्न कौन सा हो सकता है? माननीय मोदी जी ने भी उसका नाम बदल के पहले मोटा अनाज मोटा अनाज कहते थे।