IBC24 Janjatiya Pragya: आदिवासी इलाकों में जल्द शुरू होंगे कई विकास कार्य! सीएम मोहन यादव ने IBC24 के मंच से पूरी योजना का किया खुलासा

सीएम मोहन यादव ने IBC24 के “जनजातीय प्रज्ञा” कार्यक्रम में आदिवासी कल्याण, रोजगार और टेक्सटाइल उद्योग विकास पर विस्तृत जानकारी दी। योजनाओं के तहत मकान निर्माण, बोनस, नौकरियों और कपड़ा उद्योग में निवेश पर विशेष जोर दिया गया।

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  • Publish Date - December 2, 2025 / 09:33 PM IST,
    Updated On - December 2, 2025 / 09:36 PM IST

IBC24 Janjatiya Pragya/ Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • आदिवासी किसानों के लिए श्री अन्न की रानी दुर्गावती योजना के तहत ₹1000 बोनस।
  • मंडला, बालाघाट और ढिंडोरी जिलों में रोजगार के अवसर और उद्योग में सब्सिडी
  • मध्यप्रदेश में कपास, धागा और रेडीमेड गारमेंट्स उत्पादन बढ़ाकर आदिवासियों की आय में सुधार।

भोपाल: IBC24 Janjatiya Pragya मध्यप्रदेश सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर IBC24 द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम “जनजातीय प्रज्ञा” का आगाज़ हो चुका है। इस महत्वपूर्ण मंच पर राज्य सरकार की जनहितैषी योजनाओं, अब तक की उपलब्धियों, और आगे की कार्ययोजना पर विस्तृत संवाद किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में संगठन के शिल्पी सेगमेंट अंतर्गत मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव शामिल हुए। उन्होंने सरकार के कामों को लेकर IBC24 की ओर से किए गए सवालों का जवाब दिया।

कांग्रेस ने आदिवासी  परवाह नहीं की

इसी कड़ी में IBC24 के मंच पर सीएम मोहन यादव ने कहा कि एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट तो हमारी बहुत अच्छी थी। लेकिन हमारे यहां एमएसएमई, हैवी इंडस्ट्री और लघु कुटीर उद्योग और रोजगार आधारित उद्योग यह चौथी श्रेणी हमने समान रूप से सब पर काम चालू किया और खासकर आदिवासी भाई बहनों के लिए जो उनके उनकी क्रॉप है उसको इसका लाभ मिले तो यह बड़े पैमाने पर श्री अन्न की रानी दुर्गावती योजना के माध्यम से ₹1000 बोनस चालू करके इसमें हमने इस लाइन पे बड़े हैं। इसके अलावा अभी आप बताइए सितंबर में माननीय प्रधानमंत्री जी पीएम मित्र पार्क सात पार्क बनने वाले देश में 4 साल पुरानी योजना थी। लेकिन सबसे पहले हमने मध्य प्रदेश में पीएम मित्र पार्क देश का सबसे बड़ा ट्राइबल बेल्ट के लिए जिसमें हमारे पूरे कपास उत्पादक जितने भी किसान हैं आजाद अब फिर वापस कांग्रेस को याद दिलाता हूं। कांग्रेस ने इस देश के साथ जितना नुकसान किया आप बताइए आप स्मरण करना आजादी के पहले अंग्रेजों के शासनकाल में राजा महाराजाओं के शासनकाल में जिनिंग प्रेस थी कपड़ा मिल थी उज्जैन इंदौर रतलाम जबलपुर रायपुर जहांजहां भी थी लेकिन उन टेक्निकली रूप से टेक्नोलॉजी बदल गई तो उन कपास से होने वाली इन फैक्ट्रियों से कपड़े बनते थे कपड़े कपड़े दुनिया में निर्यात होते थे।

लेकिन नजरअंदाजी करने के कारण से एक-एक करके सारे मिल बंद होते गए। और मध्य प्रदेश का कपास कहां जा रहा है? तमिलनाडु कोयंबटूर। आप बताओ कपास यहां हो रहा है। कपास से धागा बनता, धागे से कपड़ा बनता, कपड़े से रेडीमेड गारमेंट्स या अन्य चीज बनते थे। लेकिन कांग्रेस ने बिल्कुल आदिवासी की परवाह नहीं की। मुझे इस बात का गर्व है हम धागा भी बनवा रहे हैं, कपास भी खरीदेंगे, कपड़ा भी बनेगा, रेडीमेड गारमेंट्स भी होगा और उनकी आय कई गुना बढ़ाएंगे। ये ऐसे कई सारे क्षेत्रों में हम लगातार काम कर रहे हैं।

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जनजातीय प्रज्ञा कार्यक्रम का उद्देश्य क्या है?

यह कार्यक्रम आदिवासी क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं, उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को आम जनता तक पहुँचाने और जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोजित किया गया है।

आदिवासी किसानों के लिए कौन-कौन सी योजनाएं उपलब्ध हैं?

श्री अन्न की रानी दुर्गावती योजना के तहत कोदो-कुटकी पर ₹1000 बोनस, पीएम जनमान योजना के तहत मकान निर्माण और रोजगार-संबंधी सब्सिडी जैसी योजनाएं लागू हैं।

मध्यप्रदेश में कपड़ा और उद्योग क्षेत्र में क्या विकास हुआ है?

कपास से धागा और रेडीमेड गारमेंट्स का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। उद्योग और रोजगार बढ़ाने के लिए सब्सिडी दी जा रही है, जिससे आदिवासी क्षेत्रों की आय में सुधार होगा।

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