Ration Card Walon ko Kya-Kya Milega: राशनकार्ड धारकों को मिलने वाले चावल में होगी कटौती, मिलेगा सिर्फ इतने किलो, खाद्य मंत्री ने दी जानकारी

Ration Card Walon ko Kya-Kya Milega: राशनकार्ड धारकों को मिलने वाले चावल में होगी कटौती, मिलेगा सिर्फ इतने किलो, खाद्य मंत्री ने दी जानकारी

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  • Publish Date - July 20, 2025 / 09:30 AM IST,
    Updated On - July 20, 2025 / 09:30 AM IST

Free Ration Scheme Latest News: 'मतदाता सूचि में नाम नहीं तो कट जाएगा राशन कार्ड से नाम, नहीं मिलेगी राशन और सरकारी सुविधाएं' / Image: IBC24 Customized

HIGHLIGHTS
  • अब राशन में चावल की कटौती
  • व्यापारी सस्ते में चावल खरीद कर कर रहे थे दुरुपयोग
  • 1500 करोड़ की बकाया अनुदान राशि

भोपाल: Ration Card Walon ko Kya-Kya Milega खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत पात्र हितग्राहियों को दिये जा रहे खाद्यान्न में चावल की जगह गेहूं की मात्रा बढ़ाई दी जाये। खाद्य मंत्री राजपूत ने कहा कि मध्यप्रदेश में चावल की जगह गेहूं का उपयोग बहुतायत में होता है। समय – समय पर यह देखने में आता है कि कुछ व्यापारी हितग्राहियों को प्रलोभन देकर उनसे कम दाम में चावल खरीद लेते है, जिससे बाजार में दुरूपयोग की घटनाएं सामने आती हैं। इस समस्या के समाधान के लिये मप्र में पात्र हितग्राहियों को दिये जाने वाले खाद्यान्न में गेहूं की मात्रा बढ़ाई जाना हितकारी होगा। खाद्य मंत्री राजपूत ने यह सुझाव नई दिल्ली में केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी से भेंट के दौरान दिया।

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Ration Card Walon ko Kya-Kya Milega केन्द्रीय खाद्य मंत्री जोशी को मध्यप्रदेश में उपार्जन केंद्रों में सुविधाओं के विस्तार और गुणवत्ता सुधार के संबंध में किये जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। साथ ही बताया कि प्रदेश में विकेन्द्रीयकृत उपार्जन योजना के तहत समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं में से सरप्लस मात्रा उपार्जन अवधि के पश्चात् गोदामों से सी-मोड में भारतीय खाद्य निगम को प्रदान की जाती है। वर्ष 2021-22 के लिये 2.89 प्रति क्विंटल लोडिंग एव हेण्डलिंग व्यय की स्वीकृति नहीं की गई थी। मंत्री राजपूत ने अनुरोध किया कि भारतीय खाद्य निगम द्वारा गोदामों से उठाव किये गये गेहूं की लोडिंग एवं हेण्डलिंग व्यय की राशि अभी तक स्वीकृत नहीं की गई है, जिसे शीघ्र जारी किया जाये।

अनुदान भुगतान जल्द कराने का आग्रह

खाद्य मंत्री राजपूत ने केंद्रीय खाद्य मंत्री जोशी को अवगत कराया कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक की अवधि में पात्र परिवारों को वितरित किये गये खाद्यान्न- का डाटा भारत सरकार के अन्न वितरण पोर्टल पर उपलब्ध है। इस डाटा को भारत सरकार के सेंट्रल रिपोजिटरी पोर्टल पर अपलोड करने की अनुमति देने के साथ 1500 करोड़ के अनुदान राशि के बकाया भुगतान को जल्द किये जाने का अनुरोध किया। इस पर केन्द्रीय मंत्री जोशी ने अधिकारियों से चर्चा कर जल्द भुगतान कराये जाने का भरोसा खाद्य मंत्री राजपूत को दिया। राजपूत ने केन्द्रीय खाद्य मंत्री से खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक के समर्थन मूल्य पर उपार्जित 2.95 लाख मीट्रिक टन मोटे अनाज के उपार्जन प्लान की स्वीकृति दिये जाने का अनुरोध किया है। भारत सरकार की नीति के अनुसार समर्थन मूल्य पर उपार्जित मोटे अनाज का वितरण राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को गेहूं के आवंटन के विरूद्ध वितरण कराया जा चुका है। मंत्री राजपूत ने केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराया कि उपार्जन प्लान की स्वीकृति प्राप्त न होने से वितरित किये गये मोटे अनाज पर मिलने वाली अनुदान की राशि लंबित है, जिसका शीघ्र भुगतान कराया जाये।

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कमीशन की राशि बढ़ाये जाने का किया अनुरोध

केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री जोशी से मुलाकात के दौरान खाद्य मंत्री राजपूत ने बताया कि समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन करने वाली सहकारी संस्थाओं को गेहूं एवं धान के उपार्जन पर मिलने वाले कमीशन में 2013 के बाद से कोई वृद्धि नहीं की गई है, जबकि अन्य राज्यों को कमीशन मद में अधिक राशि का भुगतान किया जा रहा है। समितियों को उपार्जन कार्य में हो रहे व्यय की प्रतिपूर्ति न होने से हो रही हानि से अवगत कराते हुये खाद्य मंत्री राजपूत ने केन्द्र सरकार से उपार्जन पर कमीशन की राशि 43 रुपए प्रति क्विंटल किये जाने का अनुरोध किया। केन्द्रीय खाद्य मंत्री जोशी ने इस पर अधिकारियों से चर्चा कर जल्द राशि बढ़ाये जाने का आश्वासन दिया। राजपूत ने उपार्जन केन्द्रों पर खाद्यान्न की भराई, तुलाई, छापा एवं लोडिंग कार्य के लिये गेहूं और धान पर 17.72 रुपए लेबर व्यय का भुगतान 23 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाये जाने का भी आग्रह किया है।

राशनकार्ड धारकों को मिलने वाले चावल में क्यों की गई कटौती?

मध्यप्रदेश में कई व्यापारी सस्ते दामों पर चावल खरीदकर उसका दुरुपयोग कर रहे थे। इससे बचने के लिए सरकार ने चावल की जगह गेहूं की मात्रा बढ़ाने का फैसला लिया है।

क्या अब राशन में गेहूं की मात्रा बढ़ेगी?

हां, खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के अनुसार, अब राशन में चावल कम और गेहूं ज्यादा मिलेगा क्योंकि राज्य में गेहूं का उपयोग अधिक होता है।

क्या यह फैसला पूरे भारत में लागू होगा?

फिलहाल यह फैसला केवल मध्यप्रदेश सरकार द्वारा केंद्र को सुझाव के रूप में दिया गया है। पूरे देश में इसे लागू करने का निर्णय केंद्र सरकार करेगी।

क्या इस फैसले से राशन मिलने की प्रक्रिया में बदलाव आएगा?

नहीं, पात्र हितग्राहियों को पहले की तरह राशन मिलता रहेगा, बस चावल की मात्रा थोड़ी कम होगी और गेहूं की मात्रा बढ़ा दी जाएगी।

क्या चावल के बदले गेहूं देना कानूनी है?

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राज्यों को कुछ लचीलापन होता है, जिससे वे स्थानीय जरूरतों के अनुसार खाद्यान्न का वितरण कर सकते हैं।