‘वाह रे BJP सरकार… जिसे वन और वन संरक्षण की याद आने में 18 साल लग गये’, पूर्व CM का बड़ा बयान

There should be a program called 'Van Ki Baat' ​मध्यप्रदेश में होने विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत गरमा गई है।

  •  
  • Publish Date - August 9, 2023 / 10:01 AM IST,
    Updated On - August 9, 2023 / 10:02 AM IST

Deepak Saxena resigned from Congress

There should be a program called ‘Van Ki Baat’ : भोपाल। ​मध्यप्रदेश में होने विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत गरमा गई है। पक्ष विपक्ष का एक दूसरे पर पलटवार का सिलसिला जारी है। पूर्व मंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर शिवराज सरकार पर निशाना साधा, वहीं आज विश्व आदिवासी दिवस को लेकर कहा कि वनों का संरक्षण बेहतर तरीके से आदिवासी कर सकते हैं। वनों का प्राकृतिक संरक्षण आदिवासी जिस तरह कर सकते हैं। उस तरह कोई सरकारी विभाग या CSR के छद्म रूप में कोई कॉरपोरेट घराना नहीं। ‘वन की बात’ नाम से भी एक कार्यक्रम होना चाहिए। साथ ही आगे तंज कसते हुए कहा कि वाह रे मप्र की BJP सरकार, जिसे वन और वन संरक्षण की याद आने में 18 साल लग गये।

Read more: पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में UG के 80 फीसदी छात्र फेल, 1700 छात्रों ने बनाया शून्य का रिकॉर्ड 

BJP वनों का भी कर रही राजनीतिकरण

पूर्व CM कमलनाथ ने ट्वीट कर आगे कहा कि ‘मुग्धमंत्री’ जी ने अपने प्रवचन रूपी भाषणों में वन पर जो व्याख्यान दिया है। उसमें मानवीय पक्ष अर्थात आदिवासी संदर्भ शून्य-सा था। शारीरिक मुद्राओं के रूप जितने अधिक नाटकीय होते हैं। उनमें सच उतना ही कम होता है। सच तो ये है कि BJP ने वनों को पिछले दरवाज़े से अपने लोगों के लिए खोल दिया है। ये लोग तार्किक दोहन की जगह बेरहमी से वनों का शोषण कर रहे हैं, जिससे वन सम्पदा और वन्यजीवों के बीच संतुलन बिगड़ रहा है। BJP वनों का भी राजनीतिकरण कर रही है, जिससे वनों और समीपस्थ ग्रामों के मध्य सदियों पुराना परस्परता का संबंध है। सियासी साज़िशों का शिकार हो रहा है।

Read more: सावधान…! लड़की कपड़े उतार बना रही सेक्सटॉर्शन का शिकार, झांसे में आया IT कंपनी का सॉफ्टवेयर इंजीनियर 

पूर्व CM ने भाजपा से किया आग्रह

There should be a program called ‘Van Ki Baat’ : भाजपा से आग्रह है कि कम-से-कम वनों की नैसर्गिकता को तो दूषित व संक्रमित न करें। वनों के वातावरण को स्वस्थ और स्वच्छ रहने दें। वन से संबंधित लोगों के लिए ‘चरण पादुका’ किसी सरकारी योजना के अहसान का नाम नहीं है। बल्कि कृतज्ञता भरे मन का सच्चा भाव होना चाहिए। ‘वन की बात’ नाम से भी एक कार्यक्रम होना चाहिए।

 

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें