BJP…महामंथन…बैठक में क्या निकला! कितना असर होगा फटकार और नसीहत का?

BJP...महामंथन...बैठक में क्या निकला! जमीन का कितना असर होगा फटकार और नसीहत का? BJP Important Meeting With MLAs, Ministers and MPs

BJP…महामंथन…बैठक में क्या निकला! कितना असर होगा फटकार और नसीहत का?
Modified Date: November 29, 2022 / 08:03 pm IST
Published Date: February 25, 2022 11:05 pm IST

भोपाल: BJP Important Meeting  मिशन 2023 के लिए बीजेपी की दो दिवसीय बैठक की, जिसमें संगठन ने उन विधायकों, मंत्रियों और सांसदों को फटकार लगाई जो पार्टी के बूथ विस्तारक अभियान और समर्पण निधि अभियान को सीरियसली नहीं ले रहे हैं। इन नेताओं से साफ-साफ कह दिया गया है कि या तो वे संगठन के हिसाब से सक्रियता दिखाएं या फिर आराम करें। इस दौरान नेताओँ के सामने बूथ विस्तारक योजना और समर्पण निधि अभियान का रिपोर्ट कार्ड भी रखा गया। इधर, कांग्रेस ने भाजपा संगठन की इस क्लास पर तंज कसते हुए इसे महज इवेंट मैनेजमेंट बताया। लेकिन भाजपा का अपने नेताओँ को संदेश साफ रहा कि 2023 में पार्टी को जीत से कम कुछ भी मंजूर नहीं। बड़ा सवाल ये कि क्या संगठन की नसीहत का संगठन के हिसाब से सुस्त नेताओँ पर असर होगा?

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BJP Important Meeting  मध्य प्रदेश में मिशन 2023 के मद्देनजर बीजेपी की दो दिवसीय बैठक में बीजेपी संगठन की क्लास लगीं, जिसमें पांच दर्जन से अधिक विधायक और मंत्री सीधे निशाने पर रहे। इनमें प्रदेश सरकार के नौ मंत्री भी शामिल हैं। ये वो विधायक और सांसद हैं जो संगठन के बार -बार निर्देश के बावजूद पार्टी के बूथ विस्तारक अभियान में मुंह दिखाने तक ही सीमित रहे। मध्य प्रदेश में भाजपा के कुल 127 विधायक हैं। पार्टी ने पिछले दिनों प्रदेश में दो महत्वपूर्ण अभियान शुरू किए। कुछ विधायकों ने संगठन के बार-बार निर्देश के बाद भी अपने इलाके के बूथों पर तय दस दिन तक सक्रियता ही नहीं दिखाई। पार्टी के दो महत्वपूर्ण अभियानों में से किसी एक में पीछे रहने वाले विधायकों की संख्या करीब 90 रही। यानि महज 37 विधायक ही संगठन के कामकाज की कसौटी पर खरे उतरे।

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प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने दो अभियानों में सुस्त रहे मंत्री-विधायक को दो टूक कहा कि अगर किसी को विश्राम लेना है तो अभी ले लो, पार्टी के बहुत कार्यकर्ता दौड़ने के लिए खड़े हैं। बड़ी बात ये कि जिस समय ये नसीहत दी जा रही थी, उस समय बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रहलाद पटेल, वीरेंद्र कुमार भी मौजूद थे। 150 करोड़ समर्पण निधि संग्रह के टार्गेट से काफी पीछे रहने पर राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ये केवल निधि संग्रह नहीं है बल्कि मत संग्रह भी है।

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इधर, कांग्रेस ने भाजपा पर एक बार फिर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा का फोकस केवल इवेंट मैनेजमेंट पर है। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने दावा किया कि अगले चुनाव में बीजेपी को करारी हार मिलना तय है। इन दो दिनों के मंथन में बीजेपी संगठन ने मिशन 2023 के तहत पिछले चुनाव में बड़े मार्जिन से हारने वाली 50 सीटों को फोकस किया है। नेताओं को 50 फीसदी वोट शेयर हासिल करने तक डटे रहने की कमस खिलाई गई है। साथ ही फटकार लगाकर याद दिलाया गया कि नेता सरकार से ज्यादा तवज्जो संगठन को दें। बड़ा सवाल ये कि इस फटकार और नसीहत का जमीन का कितना असर होगा ?

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