Will this election be the semi-final of 2023?
भोपाल। मध्यप्रदेश में उपचुनाव के तारीखों के ऐलान के बाद सियासी बिसात बिछने लगी है… बयानों के तीर चलने से सियासी पारा उपर चढ़ने लगा है… दोनों ही दलों ने अपनी-अपनी रणनीतियों पर काम करना शुरू कर दिया है… कांग्रेस ने जहां तीनों विधानसभा सीटों के लिए प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है तो वही BJP ने विधानसभा वार सत्ता और संगठन से जुड़े लोगों को तैनात कर दिया है…
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30 अक्टूबर को मध्यप्रदेश में एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी…लोकसभा की तरह ही विधानसभा की सीटों की हार-जीत से भी मौजूदा सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा…फिर भी ये चुनाव दोनों दलों के लिए प्रतिष्ठा के हैं… इस उपचुनाव को 2023 की सत्ता का सेमीफाइनल भी माना जा रहा है… यही वजह है कि चुनावों की तारीखों का ऐलान होने से पहले ही दोनों दलों ने रणनीति तेज करने के साथ नेताओं की तैनाती भी शुरू कर दी थी… कांग्रेस जहां तीनों विधानसभा क्षेत्रों के लिए प्रभारी नियुक्त कर चुकी है तो वहीं BJP ने विधानसभा वार सत्ता और संगठन से जुड़े लोगों को तैनात कर दिया है ।
हालांकि उपचुनावों की जीत से न बीजेपी की सेहत पर कोई फर्क पड़ेगा न ही कांग्रेस को कोई ताज मिलेगा… लेकिन फिर भी दोनों दलों ने अपनी अपनी जीत के लिए इंटरनल सर्वे करवा लिए हैं… बीजेपी सूत्रों की मानें तो महंगाई, कोरोना काल के चलते रोजगार का खत्म होना, हालात संभालने में सरकार की नाकामी और बेरोजगारी सरीखे मुद्दे भाजपा पर भारी पड़ने वाले हैं… हालांकि कांग्रेस को चारों सीटों पर पिछले चुनावों के मुकाबले ज्यादा वोट मिलने की उम्मीद दिख रही है… लेकिन बीजेपी को लगता है कि कांग्रेस की गुटबाजी का फायदा बीजेपी को मिलेगा ।
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उपचुनाव से पहले कराए गए सर्वे के नतीजों ने सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की नींद उड़ा दी है…रिपोर्ट बता रही है कि बीजेपी को खंडवा में जीत हासिल करने के लिए खूब पसीना बहाना पड़ेगा… वहीं तीनों विधानसभा सीटों पर सत्ता विरोधी लहर की वजह से पार्टी को बड़ा नुक्सान भी उठाना पड़ सकता है…लिहाजा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इन क्षेत्रों में मोर्चा संभालने उतार दिया है… खुद मुख्यमंत्री उपचुनाव वाले इन क्षेत्रों में जनदर्शन यात्रा निकाल कर जनता के सामने अधिकारियों की क्लास लगा रहे हैं ।