Face To Face Madhya Pradesh: कब तक EVM पर अटकी रहेगी सुई? क्या कांग्रेस को EVM के आगे और कुछ नजर नहीं आ रहा? देखिए रिपोर्ट
Face To Face Madhya Pradesh: कब तक EVM पर अटकी रहेगी सुई? क्या कांग्रेस को EVM के आगे और कुछ नजर नहीं आ रहा? देखिए रिपोर्ट
Face To Face Madhya Pradesh | Photo Credit: IBC24
- कांग्रेस ने अपने राष्ट्रीय अधिवेशन में EVM और चुनाव आयोग पर सवाल उठाए।
- बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि हारने पर ही EVM पर सवाल उठाए जाते हैं।
- EVM के बावजूद कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकारें बनी हैं, जो कांग्रेस के ईवीएम पर सवाल उठाने के दावे को विरोधाभासी बनाती हैं।
भोपाल: Face To Face Madhya Pradesh कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन में EVM फिर चिंता के केंद्र में रही। चुनाव में हार और हार के बाद सवाल फिर EVM को विलेन घोषित करना। ये एक पैटर्न सा बन गया है। जिसे कांग्रेस लंबे वक्त से फॉलो कर रही है। क्या EVM ही कांग्रेस को हरा रही है अगर हां तो कई प्रदेशों में कांग्रेस की सरकारें कैसे बन रही हैं। क्या बैलेट के दौर में सब कुछ ठीक हुआ करता था?
Face To Face Madhya Pradesh ये कोई पहली बार नहीं है जब विपक्ष के निशाने पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन है। इस बार मुद्दा उठा है कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुद्दे को उठाया है कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खरगे ने EVM के अलावा चुनाव आयोग को सवालों के घेरे में खड़ा किया है राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र के मतदाताओं की लिस्ट चुनाव आयोग आज तक नहीं दे पाई।
यानी कांग्रेस इस मुद्दे को देश के नौजवानों के भरोसे छोड़ रही है। वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष के सुर में सुर मिलाया है कमलनाथ ने उनका मानना है ईवीएम के ज़रिए सब फिक्स हो जाता है और ईवीएम पर सबको शक है।
जैसे ही कमलनाथ का ये बयान आया बीजेपी ने जवाब देने में थोड़ी देर भी नहीं लगाई। बीजेपी ने कहा कि कमलनाथ और राहुल गांधी को फोबिया हो गया है। अपने गढ़ में जब बुरी तरह से हार गए तो ईवीएम को ढाल बना रहे हैं। बीजेपी ने तो यहां तक कह दिया ऐसी सोच वाले बुजुर्ग कांग्रेसी। कांग्रेस को रसातल में ले जाएंगे।
जब जब ईवीएम पर सवाल उठा। इलेक्शन कमीशन ने शक को दूर करने के लिए सभी राजनीतिक दलों को बुलाया, लेकिन उस वक्त किसी जाना ज़रुरी तक नहीं समझा। ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि क्या कांग्रेस का ईवीएम को कोसने का अप्रोच सेलेक्टिव है क्योंकि इसी ईवीएम के ज़रिए कर्नाटक, तेलागंना और हिमाचल प्रदेश में सरकार बनी है और इसी ईवीएम राहुल गांधी 2024 के लोकसभा में एकलौते नेता थे जो एक नहीं दो लोकसभा चुनाव से जीते हैं।

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