Chhatarpur News: SP ने 3 पुलिसकर्मी किए सस्पेंड, आदिवासियों से मारपीट पर बड़ी कार्रवाई, MLC रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

Chhatarpur News: SP ने 3 पुलिसकर्मी किए सस्पेंड, आदिवासियों से मारपीट पर बड़ी कार्रवाई, MLC रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

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  • Publish Date - July 20, 2025 / 01:17 PM IST,
    Updated On - July 20, 2025 / 01:17 PM IST

Chhatarpur News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • आदिवासियों के साथ मारपीट के मामले में बड़ी कार्रवाई,
  • SP ने 3 पुलिस कर्मियों को किया सस्पेंड
  • ASI शिवदयाल, प्रधान आरक्षक अरविंद शर्मा, आरक्षक राम जाट निलंबित,

छतरपुर: Chhatarpur News: नौगांव थाना क्षेत्र में आदिवासी युवकों के साथ पुलिस द्वारा की गई मारपीट के मामले में पुलिस अधीक्षक ने सख्त रुख अपनाते हुए तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। निलंबित किए गए पुलिसकर्मियों में ASI शिवदयाल, प्रधान आरक्षक अरविंद शर्मा और आरक्षक राम जाट शामिल हैं।

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Chhatarpur News: इस घटना को लेकर बीते कल देर रात तक SP कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन हुआ था जिसमें बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। प्रदर्शन के बाद SP ने SDOP नौगांव को मामले की जांच सौंपी थी।

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Chhatarpur News: पुलिस ने सुबह 12 बजे तक जांच पूरी करने के लिए समय मांगा था। जांच के आधार पर तीनों पुलिसकर्मियों को प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। वहीं मेडिकल जांच के बाद MLC रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ है कि पीड़ितों के प्राइवेट पार्ट में मिर्ची डाले जाने की बात गलत पाई गई है। रिपोर्ट में ऐसी कोई पुष्टि नहीं हुई है।

"छतरपुर पुलिस मारपीट मामला" में कितने पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है?

"छतरपुर पुलिस मारपीट मामला" में तीन पुलिसकर्मियों को प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए निलंबित किया गया है।

क्या "प्राइवेट पार्ट में मिर्ची डालने" की बात मेडिकल रिपोर्ट में सही पाई गई?

नहीं, "प्राइवेट पार्ट में मिर्ची डालने" की बात MLC रिपोर्ट में गलत साबित हुई है। रिपोर्ट में इस आरोप की कोई पुष्टि नहीं हुई।

"नौगांव थाना" क्षेत्र में यह घटना कब सामने आई?

"नौगांव थाना" क्षेत्र में यह घटना हाल ही में उजागर हुई, जिसके बाद देर रात तक SP कार्यालय के बाहर प्रदर्शन हुआ।

"आदिवासी युवकों पर पुलिस अत्याचार" की जांच किसे सौंपी गई थी?

इस मामले की जांच SDOP नौगांव को सौंपी गई थी, जिन्होंने सुबह 12 बजे तक जांच पूरी कर रिपोर्ट दी।

"छतरपुर पुलिस कार्रवाई" के विरोध में कौन शामिल हुआ था?

"छतरपुर पुलिस कार्रवाई" के विरोध में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए और न्याय की मांग की।