Chhatarpur News: अस्पताल में हैरान करने वाला ऑपरेशन! युवक के गुप्तांग में घुसी प्लास्टिक की बोतल, पेट में पहुंची तो डॉक्टरों की टीम ने ऐसे किया चमत्कार

Chhatarpur News: अस्पताल में हैरान करने वाला ऑपरेशन! युवक के गुप्तांग में घुसी प्लास्टिक की बोतल, पेट में पहुंची तो डॉक्टरों की टीम ने ऐसे किया चमत्कार

Chhatarpur News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • छतरपुर में चौंकाने वाला मामला,
  • मलद्वार से पेट में पहुंची प्लास्टिक की बोतल,
  • पेट चीरकर ऑपरेशन द्वारा निकाली गई,

छतरपुर: Chhatarpur News: जिला अस्पताल में एक बार फिर एक अजीबोग़रीब मामला सामने आया है जिसमें नौगांव थाना क्षेत्र के रहने वाले 25 वर्षीय युवक के मलद्वार से चार दिन पहले एक प्लास्टिक की बोतल पेट में पहुंच गई।

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Chhatarpur News: इसके बाद वह युवक आज छतरपुर जिला अस्पताल पहुँचा जहाँ अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने सूझबूझ का परिचय देते हुए सफलतापूर्वक युवक के पेट से प्लास्टिक की बोतल बाहर निकाली। डॉक्टर को युवक ने बताया कि वह मलद्वार में कीड़ों को मारने के लिए दवा लगा रहा था जो बोतल के माध्यम से दी जा रही थी। इसी दौरान वह बोतल उसके मलद्वार से अंदर जाकर पेट तक पहुँच गई।

 

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Chhatarpur News: जिला अस्पताल के चार डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की सहायता से युवक के पेट में चीरा लगाकर बोतल को सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया। अब तक छतरपुर जिला अस्पताल में डॉक्टरों की टीम द्वारा एक लौकी और दो प्लास्टिक की बोतलें मरीजों के पेट से निकाली जा चुकी हैं।

 

"छतरपुर जिला अस्पताल की बोतल केस" में मरीज को क्या हुआ था?

25 वर्षीय युवक के मलद्वार के ज़रिए एक प्लास्टिक की बोतल पेट में चली गई थी, जिसे डॉक्टरों ने सर्जरी कर बाहर निकाला।

क्या "बोतल मलद्वार से पेट में" पहुँचना सामान्य है?

नहीं, यह एक अत्यंत असामान्य और चिकित्सकीय रूप से गंभीर स्थिति है जो जानलेवा भी हो सकती है।

"छतरपुर अस्पताल में ऐसी घटनाएं" पहले भी हुई हैं?

हाँ, अब तक अस्पताल में ऐसी तीन घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें पेट से विदेशी वस्तुएँ निकाली गई हैं।

"मलद्वार से दवा देने की प्रक्रिया" सुरक्षित है या नहीं?

इस प्रक्रिया को केवल डॉक्टर या प्रशिक्षित नर्स की देखरेख में ही किया जाना चाहिए। स्वयं प्रयोग खतरनाक हो सकता है।

क्या "प्लास्टिक बोतल पेट में जाने" से जान का खतरा होता है?

हाँ, इससे आंतों में रुकावट, संक्रमण या अंग क्षति जैसी गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं।