भोपाल: Chhindwara Cough Syrup Case: एमपी के छिंदवाड़ा में दूषित कफ सिरप पीने के बाद किडनी फेल होने के चलते 17 बच्चों की मौत हो गई। वहीं पांढुर्ना में एक और बैतूल में दो बच्चों ने दम तोड़ दिया। इस हृदय विदारक घटना को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जब राज्य में इस तरह की कोई चूक होती है तो दुख होता है। ये हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। सभी अपनी भूमिका निभाएं। अपनी बात नेता प्रतिपक्ष भी बताएं। चुनाव तो पांच साल में आते हैं, लेकिन ऐसे मसलों पर विपक्ष को भी सकारात्मक भूमिका निभाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने विपक्ष से भी आग्रह किया कि वह केवल आलोचना तक सीमित न रहे, बल्कि समाधान सुझाएं। उन्होंने कहा कि सकारात्मक आलोचना का कोई बुरा नहीं मानता।
Chhindwara Cough Syrup Case: बता दें कि नागपुर के विभिन्न अस्पतालों में इलाज के दौरान तामिया की धानी डेहरिया (डेढ़ वर्ष), जुन्नारदेव के ज्यांशु यदुवंशी (2 वर्ष) और रीधोरा के वेदांश पवार (ढाई वर्ष) ने दम तोड़ दिया है। इन मौतों के बाद छिंदवाड़ा जिले में मृतकों की कुल संख्या 17 तक पहुंच गई है। पांढुर्ना में भी एक जान पहले जा चकी है। बैतूल में भी दो बच्चों की मौत हुई है। अब भी पांच बच्चे नागपुर के अस्पतालों में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।
जांच में सामने आया है कि कुछ निजी चिकित्सकों, जिनमें डॉ. प्रवीण सोनी का नाम प्रमुख है, ने बच्चों को ‘कोल्ड्रिफ सिरप’ दी थी। सिरप पीने के कुछ घंटों बाद ही बच्चों की किडनी प्रभावित होने लगी और हालत लगातार बिगड़ती चली गई। मेडिकल जांच में इस सिरप में जहरीले रासायनिक तत्वों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है, जो शरीर में पहुंचकर किडनी को नुकसान पहुंचा रहा था। इसी कारण कई बच्चों की मौत किडनी फेल होने से हुई।