Publish Date - April 11, 2025 / 03:21 PM IST,
Updated On - April 11, 2025 / 03:21 PM IST
Kamalnath on EVM | Source : File Photo
HIGHLIGHTS
कमलनाथ ने एक बार फिर ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
कमलनाथ ने कहा कि दुनिया के विकसित देश जैसे अमेरिका और जापान ईवीएम का उपयोग नहीं करते।
हमारा लक्ष्य है कि कांग्रेस का संगठन जमीनी स्तर पर फिर से मजबूत हो-कमलनाथ
अजय द्विवेदी/छिंदवाड़ा। Kamalnath on EVM: पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने एक बार फिर ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की विश्वसनीयता को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अपने चार दिवसीय छिंदवाड़ा दौरे के पहले दिन हवाई पट्टी पर मीडिया से बातचीत के दौरान कमलनाथ ने कहा कि दुनिया के विकसित देश जैसे अमेरिका और जापान ईवीएम का उपयोग नहीं करते, क्योंकि उन्हें इस बात की आशंका है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है।
Kamalnath on EVM: कमलनाथ ने कहा, “जब अमेरिका और जापान जैसे देश ईवीएम का इस्तेमाल नहीं करते, तो हमें भी सोचना होगा कि क्या हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित है।” इससे पहले उन्होंने हाल ही में अहमदाबाद में संपन्न कांग्रेस अधिवेशन का ज़िक्र करते हुए कहा कि पार्टी अब गांव-गांव और हर पोलिंग बूथ तक कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने की दिशा में काम कर रही है।
“हमारा लक्ष्य है कि कांग्रेस का संगठन जमीनी स्तर पर फिर से मजबूत हो। हर कार्यकर्ता को सक्रिय कर पोलिंग बूथ स्तर तक पार्टी को मज़बूत करना होगा।” कमलनाथ की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब विपक्ष लगातार चुनावों की पारदर्शिता को लेकर सवाल उठा रहा है।
कमलनाथ ने कहा कि अमेरिका और जापान जैसे देश ईवीएम का इस्तेमाल नहीं करते क्योंकि उन्हें इसकी विश्वसनीयता पर शक है। भारत को भी इस पर विचार करना चाहिए।
2. क्या कमलनाथ ने ईवीएम पर पूरी तरह से प्रतिबंध की मांग की है?
नहीं, उन्होंने सीधे प्रतिबंध की मांग नहीं की, लेकिन ईवीएम की पारदर्शिता और सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
3. क्या ईवीएम पर कांग्रेस की कोई आधिकारिक नीति है?
कांग्रेस समय-समय पर ईवीएम की जांच की मांग करती रही है और बैलेट पेपर की वापसी को लेकर भी प्रस्ताव दिए गए हैं, लेकिन पार्टी की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिबंध की मांग नहीं की गई है।
4. कमलनाथ का यह बयान क्यों महत्वपूर्ण है?
यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्ष चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहा है। इससे राजनीतिक बहस को और बल मिल सकता है।