Chhindwara Lok Sabha Elections 2024

Chhindwara Lok Sabha Elections 2024 : क्या कमलनाथ के किले को भेद पाएगी BJP? कौन जीतेगा जनता का भरोसा? जानें क्या कहते है राजनीतिक समीकरण

Chhindwara Lok Sabha Elections 2024: Will BJP be able to breach Kamal Nath's fort? Who will win the public trust? Know what is political equation

Edited By :   Modified Date:  April 11, 2024 / 07:27 PM IST, Published Date : April 11, 2024/7:27 pm IST

Chhindwara Lok Sabha Elections 2024 : छिंदवाड़ा। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अब सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता अपने अपने क्षेत्रों में चुनावी अभियान तेज कर दी है। वहीं दूसरी मतदाताओं को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं। इस चुनावी साल में सांसदों के प्रदर्शन और क्षेत्र में हुए विकास कार्यों की बात भी जरूरी है। इसलिए हम IBC24 के खास कार्यक्रम ‘माहौल टाइट है’ के जरिए आपके बीच आ रहे हैं। आज हम जबलपुर संभाग के छिंदवाड़ा जिले में पहुंचे है। जहां जानेंगे कि जनता की आंधी किस ओर चल रही है।

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आज हमारी टीम ने छिंदवाड़ा में जाकर वहां के विकास और सांसदों के प्रदर्शन और होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर जनता का मूड जानने की कोशिश कर रहे हैं। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट है जो कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है। पहले मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ यहां से सांसद रह चुके हैं और अब उनके बेटे नकुलनाथ छिंदवाड़ा से सांसद हैं।

कमलनाथ का गढ़ छिंदवाड़ा

साल 1951 में अस्तित्व में आई छिंदवाड़ा लोकसभा सीट एमपी की 29 लोकसभा सीटों में से महज़ एक सीट नहीं बल्कि कांग्रेस और कमलनाथ का गढ़ है। 1971 से 2019 तक के 14 लोकसभा चुनाव में से 13 बार यहां से कांग्रेस जीती जबकि 1980 से लेकर 2019 तक तो यहां सिर्फ नाथ परिवार का ही दबदबा रहा है और कमलनाथ, उनकी पत्नी अलकानाथ और बेटे नकुलनाथ यहां से सांसद रहे हैं।

1971 और 1977 में कांग्रेस के गार्गीशंकर रामकृष्ण सांसद बने
1980, 1984, 1989, 1991 में कांग्रेस के कमलनाथ सांसद बने
1996 में अलकानाथ कांग्रेस के टिकट पर सांसद बनीं
1997 में उपचुनाव हुए और बीजेपी से चंद्रभान सिंह सांसद बने
1998, 1999, 2004, 2009, 2014 में कांग्रेस से कमलनाथ सांसद बने
2019 में कांग्रेस से नकुलनाथ सांसद बने

साल 1997 को छोड़ दें तो पिछले 70 सालों से इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है। छिंदवाड़ा सीट कांग्रेस के लिए कितनी महत्वपूर्ण इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है आपातकाल के बावजूद छिंदवाड़ा की जनता ने कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ा। लेकिन अब यहां मुकाबला एकतरफा नहीं दिख रहा और इसलिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने इस सीट पर ताकत झोंक दी है। कांग्रेस ने यहां से एक बार फिर नाथ परिवार पर भरोसा जताते हुए कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को अपना उम्मीदवार घोषित किया है तो वहीं बीजेपी ने लगातार दो चुनावों में कमलनाथ को चुनौती देने वाले विवेक बंटी साहू को टिकट दिया है।

छिंदवाड़ा सीट का राजनीतिक और जातिगत समीकरण

– छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में कुल 16 लाख 32 हजार 896 वोटर हैं
– 8 लाख 24 हजार 832 पुरुष वोटर और 8 लाख 8 हजार 51 महिला वोटर हैं
– 18 से 19 साल वाले फर्स्ट टाइम वोटरों की संख्या 53 हजार 555 है
– छिंदवाड़ा में जातिगत समीकरणों की बात करें तो यहां अनुसूचित जनजाति की आबादी सबसे ज्यादा है
– यहां सबसे ज्यादा करीब 37 फीसदी आबादी एसटी है
– इसके बाद करीब 12% अनुसूचित जाति की आबादी है
– मुस्लिम आबादी यहां करीब 5% है
– यहां ग्रामीण वोटरों की संख्या करीब 75% है तो वहीं करीब 25 फीसदी शहरी वोटर हैं

देखें पूरा कार्यक्रम

 

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