भोपाल : Compassion on loved ones : मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले माननीयों को अपने सेवादारों की फिक्र सताने लगी है। शिवराज सरकार के 6 मंत्रियो ने इन सेवादारों को नियमित करने के लिए सिफारशी चिट्ठी लिखी है। इस पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि नौजवान भटक रहे हैं और चमचों को नौकरी दी जा रही है.. ये कहां का न्याय है।
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Compassion on loved ones : मध्यप्रदेश के मंत्रियों के बंगले में दिनरात सेवा में जुटे सेवादारों पर मंत्रीजी की नजर-ए-इनायत हो गई है। चुनाव के 9 महीने पहले 6 मंत्रियों ने 250 से ज्यादा कर्मचारियों की मंत्रालय में पक्की नौकरी के लिए सिफारिश की है। इन मंत्रियों ने सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार को नोटशीट लिखकर कर्मचारियों के लंबे अनुभव, उत्कृष्ट सेवा और ओवरएज का हवाला देकर मंत्रालय में नियमित करने की अनुशंसा की है।
सिफारिशी चिट्ठी लिखने वालों में लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, ST-SC कल्याण मंत्री मीना सिंह, राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, लोक निर्माण राज्यमंत्री सुरेश धाकड़ और आयुष एवं जल संसाधन राज्यमंत्री रामकिशोर नानो शामिल हैं। इन मंत्रियों की सिफारिशी चिट्ठी को बीजेपी जहां सही बता रही है, वहीं कांग्रेस सवाल उठा रही है।
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Compassion on loved ones : बहरहाल, नियम-कायदों की बात करें तो मंत्री अपने कार्यकाल के दौरान 7 कर्मचारियों को अपने बंगले पर रख सकते हैं। सचिवालयीन सेवा में चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती के नियम 1987 के तहत नियमित पद खाली होने पर मंत्री स्थापना में कार्यरत कर्मचारियों को परीक्षा लेकर पक्की नौकरी दी जा सकती है।