ग्वालियर: Congress Adopted Free for all Formula कांग्रेस हमेशा क्षत्रपों से परेशान रही है। चाहे बात 2022 की हो, या फिर 1994 की। 1994 में कांग्रेस क्षत्रपों से परेशान हो गयी तो उसने ग्वालियर ओर भोपाल में निकाय चुनाव में फ्री फॉर ऑल फॉर्मूला अपनाया था।
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Congress Adopted Free for all Formula ग्वालियर-चंबल में पार्टी के क्षत्रपों और कलह से परेशान कांग्रेस ने 1994 में निकाय चुनाव के दौरान फ्री फॉर ऑल का फॉर्मूला अपनाया था। दरअसल, इलाके में कांग्रेस के तीन बड़े क्षत्रप थे, जिन्होंने करीब हर वार्ड में अपने अपने लोगों के नाम अड़ा दिए। ऐसे में पार्टी ने फ्री फॉर ऑल का फैसला लिया। यानी कांग्रेस की विचारधारा रखने वाले एक से अधिक कार्यकर्ता एक ही वार्ड से चुनाव लड़ सकते थे।
ऐसे प्रत्याशियों को जीतने पर उन्हें कांग्रेस पार्षद दल का सदस्य मान लिया गया। उस समय कांग्रेस के 27 पार्षद जीते थे। वहीं, क्षत्रपों को लेकर बीजेपी कांग्रेस पर तंज कस रही है।
फ्री फॉर ऑल फार्मूल से कांग्रेस को एक फायदा ये हुआ कि इससे नई लीडरशीप उभर कर आई थी। 1994 का साल BSP की कामयाबी के लिए भी याद किया जाता है, जिसे 12 वार्डों में रिकॉर्ड जीत मिली थी।
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