On the occasion of Chhatrasal Jayanti, two veteran leaders hummed poetry on swords
Bundelkhand Kesari Maharaja Chhatrasal’s birth anniversary: दतिया। बुंदेलखंड में शुमार दतिया बुंदेला राजवंश की रियासत रही है। औरंगजेब जैसे मुगल शासक सेना के छक्के छुड़ा देने वाले महाराज छत्रसाल की आज जयंती है। छत्रसाल महाराज के नाम पर ही पूरे बुंदेलखंड का नाम बुंदेलखंड पड़ा है। बुंदेलखंड के कहावत है। “छत्ता तेरे राज में, धक-धक धरती होय। जित-जित घोड़ा मुख करे, तित-तित फत्ते होय” महाराज छत्रसाल की जयंती की पूर्व संध्या पर क्षत्रिय समाज ने एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में दतिया के दो दिग्गज राजनेता जो दोनों अलग-अलग दलों से सुमार क्षत्रप एक मंच पर दिखाई दिए।
मध्यप्रदेश की राजनीति के चाणक्य के रूप में प्रख्यात नरोत्तम मिश्रा और दतिया राजघराने के मुखिया एवं सेंवड़ा से कांग्रेस विधायक महाराज घनश्याम सिंह एक मंच पर दिखाई दिए। इस अवसर पर दोनों नेताओं ने एक दूसरे की जमकर प्रशंसा की। दोनों नेताओं ने एक दूसरे का अभिवादन किया एवं देर रात तक एक ही मंच साझा किया। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने चुटीले अंदाज में कविता भी मंच से सुनाई।
Bundelkhand Kesari Maharaja Chhatrasal’s birth anniversary: इस अवसर पर गृहमंत्री ने क्षत्रीय समाज के लिए जमीन भी आवंटित की। दोनों नेताओं ने क्षत्रिय समाज के सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए विधायक निधि से राशि भी प्रदान की। महाराज छत्रसाल इतने बड़े योद्धा थे कि उनकी तलवारों पर कविता गुनगुनाई। बातों बातों में ही गृहमंत्री ने दूसरे कांग्रेस नेताओं पर निशाना भी साधा।