उच्च न्यायालय ने यूनियन कार्बाइड के जहरीले अपशिष्ट की निस्तारण योजना हेतु चार सप्ताह का समय दिया

उच्च न्यायालय ने यूनियन कार्बाइड के जहरीले अपशिष्ट की निस्तारण योजना हेतु चार सप्ताह का समय दिया

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  • Publish Date - August 15, 2025 / 01:12 AM IST,
    Updated On - August 15, 2025 / 01:12 AM IST

जबलपुर, 14 अगस्त (भाषा) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीपीसीबी) को धार जिले में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के राख के निस्तारण की योजना पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है।

न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने एमपीपीसीबी की ओर से मांगी गई समय सीमा के अनुरोध को स्वीकार कर लिया और मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त के लिए स्थगित कर दी।

भोपाल में 1984 में दो और तीन दिसंबर की दरम्यानी रात को यूनियन कार्बाइड के कीटनाशक कारखाने से अत्यधिक जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट गैस के रिसाव के बाद कम से कम 5,479 लोग मारे गए थे और हजारों लोग अपंग हो गए थे।

साल 2004 में आलोक प्रताप सिंह नाम के एक व्यक्ति ने यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निपटान की मांग करते हुए एक जनहित याचिका दायर की थी। उनकी मृत्यु के बाद, उच्च न्यायालय ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए याचिका की सुनवाई की।

इससे पहले, राज्य सरकार ने धार के पीथमपुर संयंत्र में कचरे के निपटान के बारे में अदालत में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की।

रिपोर्ट में कहा गया कि एमपीपीसीबी से मंजूरी मिलने के बाद कचरे से उत्पन्न 850 मीट्रिक टन राख और अवशेषों को एक अलग लैंडफिल सेल में नष्ट कर दिया जाएगा।

भाषा सं ब्रजेन्द्र राजकुमार

राजकुमार