‘पोस्टर’..पनौती वाली पॉलिटिक्स! मनाही के बाद भी भारत जोड़ो यात्रा के पोस्टर में दिग्गी का फेस, प्रदेश में छिड़ी नई बहस!
मनाही के बाद भी भारत जोड़ो यात्रा के पोस्टर में दिग्गी का फेस : Diggy's face in the poster of Bharat Jodo Yatra even after the ban
नवीन सिंह/भोपालः मध्यप्रदेश में इन दिनों पोस्टर पनौती वाली पॉलिटिक्स हो रही है। दरअसल, दिग्विजय सिंह ने पहले ही कह दिया था कि भारत जोड़ो यात्रा के पोस्टर में उनको जगह न दी जाए। लेकिन जब पोस्टर रिलीज हुआ तो दिग्विजय सिंह को उसमें जगह दी गई। अब इसी बात को सत्ता पक्ष ने मुद्दा बनाया। बीजेपी का ये कहना है कि दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के बीच ये आपसी खींचतान को दिखाता है। सवाल ये भी कि जो आपके और हमारे हित की बात करते हैं, हमारे बेहतर भविष्य का दावा करते हैं? क्या उनके परिवार में सबकुछ ठीक-ठाक है? सवाल ये भी है कि क्या बीजेपी इसे मुद्दा बना रही है?
सोशल मीडिया में भारत जोड़ो यात्रा का पंप्लेट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें कमलनाथ, नेताप्रतिपक्ष और गोविंद सिंह के साथ दिग्विजय सिंह भी नजर आ रहे है। पहली नजर में ये तस्वीर सामान्य है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। बावजूद इसके ये पंप्लेट एमपी की सियासत में खूब सुर्खियां बटोर रहा है और सियासी गलियारों में इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। इसकी वजह जानने के लिए आपको दो दिन पहले दिग्विजय सिंह की चिट्ठी पर नजर डालनी चाहिए। दरअसल दिग्गी राजा ने कमलनाथ से अनुरोध किया था कि राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के ऑफिशियल बैनर पोस्टर में उनकी तस्वीर न लगाई जाए। लेकिन मनाही के बाद भी उनकी तस्वीरें छापी गई। फिलहाल वायरल पंपलेट ने पार्टी के भीतर नई बहस को जन्म दे दिया है तो बीजेपी को बैठे-बिठाए मुद्दा?
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दिग्विजय सिंह की तस्वीर वाले पंपलेट के वायरल होने के बाद बीजेपी कांग्रेस की घेराबंदी कर रही है. बीजेपी दिग्गी राजा के बहाने राहुल गांधी पर अटैक कर रही है तो कांग्रेस के अंदरखाने में इस सवाल का जवाब तलाशा जा रहा है कि आखिर दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस के ऑफिशियल बैनर पोस्टर से खुद को दूर रखने की अपील क्यों की थी। जबकि भारत जोड़ो यात्रा के संयोजक हैं। यही वजह है कि पार्टी नेता भी संभलकर बयान दे रहे हैं।
जो भी हो राहुल गांधी के मध्यप्रदेश में कदम रखने के पहले जोरदार सियासी माहौल बन चुका है..एक और राहुल गांधी की यात्रा के बहाने मध्यप्रदेश में कमलनाथ ने हिंदू वोटों को साधने के लिए पूरा जोर लगा दिया है। उत्साहित कांग्रेस को अब इस बात का भी डर है कि दिग्विजय सिंह की वजह से फिर पार्टी को फजीहत का सामना न करना पड़ जाए। वो भी तब जब चुनावों में सिर्फ 10 महीनों का वक्त बचा है।

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