Dindori News/Image Source: IBC24
डिंडोरी: Dindori News: मध्यप्रदेश के आदिवासी ज़िला डिंडोरी से एक अजीबो-ग़रीब मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति बीते कई वर्षों से मुँह छुपाकर घर से निकलता है और चेहरे पर काला गमछा बाँधकर कहीं भी आना-जाना करता है। आख़िर क्या है इसकी वजह और कैसी है उसकी मजबूरी?
Dindori News: दरअसल एक आदिवासी परिवार में जन्मे दीपक मरावी बचपन से ही एक ऐसी बीमारी से ग्रसित हैं, जिससे अब वह किसी को चेहरा दिखाने लायक नहीं रह गए। उन्हें शंका है कि अगर वह चेहरा खोलकर बाहर आएँगे तो लोग उन्हें हीन भावना से देखेंगे तरह-तरह के भद्दे कमेंट्स करेंगे या उन पर दया दिखाने लगेंगे। दीपक मरावी बताते हैं कि बचपन से शरीर में आई इस आपदा से वे धीरे-धीरे इस क़दर जकड़े चले गए कि इलाज की सुध भी नहीं रही। अब यह बीमारी पूरे शरीर में कुछ इस तरह फैल चुकी है कि उन्हें पूरा शरीर ढक कर ही बाहर आना-जाना पड़ता है।
Dindori News: दीपक मरावी ने आगे बताया उसके घर में पहले यह ट्यूमर की बीमारी उसकी मां को थी फिर उसे हुई और इसके बाद उसकी छोटी बहन को हुईं और अब बहन के बाद उनके बच्चों में भी लक्षण दिख रहे हैं जिससे वे और पूरा परिवार खासे परेशान हैं,दीपक मरावी और उसकी बहन अपना इलाज करवाना चाहते हैं ताकि और लोगों की तरह वे छिप कर नहीं खुल कर जिंदगी जिए। दीपक ने बताया कि जब वह पांच वर्ष का था तब उसके चेहरे में ट्यूमर छोटा रूप ले लिया था इसके बाद वह एक बार इलाज करवाया आंख के पास का लेकिन वह फिर बढ़ता ही गया अब दोनों आंख के पास,गले में,पीठ पर,हाथों में ट्यूमर फैल रहा है और बढ़ भी रहा है,जिससे वह चिंतिंत हैं।
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Dindori News: दीपक मरावी और उसका परिवार डिंडोरी जिला के अमरपुर विकासखंड क्षेत्र की ग्राम जल्दा मुड़िया का रहने वाला हैं,जो मजदूरी कर अपना जीवन बसर करते हैं,दीपक और उसकी बहन के पास आयुष्मान कार्ड भी हैं जिसका वे लाभ भी इलाज के लिए उठाना चाहते है। इस मामले में दीपक मरावी जब डिंडोरी जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ अजय राज से मिला तब डॉक्टर अजय राज ने बताया कि उसे न्यूरो फाईब्लोमोटोसिस हैं इसका इलाज ऑपरेशन से होता है लेकिन बहुत ज्यादा हो जाते है तो ऑपरेशन भी नहीं करते हैं,ये न्यूरोलॉजिकल एक बीमारी हैं,जिसका इलाज न्यूरो सर्जन कर सकते हैं,यह एक आनुवांशिक बीमारी है।