Dussehra Special Story: दशहरे पर हर साल लंकेश की पूजा करता है ये परिवार, रावण वध पर मनाता है शोक, मुखिया ने बताई ये हैरान कर देने वाली कहानी

दशहरे पर हर साल लंकेश की पूजा करता है ये परिवार, Dussehra Special Story: Family from Damoh worships Lankesh every year on Dussehra

दमोहः Dussehra Special Story: हिंदू धर्म में दशहरा का खास महत्व है। दशहरे का पर्व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। दशहरा को विजयादशमी भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध किया था। पूरा देश भगवान राम की जीत की खुशियां मनाता है। वहीं मध्यप्रदेश के दमोह में एक परिवार ऐसा भी है, जो लंकापति रावण की पूजा करता है और हर दशहरे पर रावण की मृत्यु का दुख मनाता है। इस परिवार का कहना है कि रावण को सिर्फ बुराई का प्रतीक मानना सही नहीं है, बल्कि उसकी शिक्षा और विद्या से लोगों को सीख लेनी चाहिए।

दमोह शहर के सिंधी कैंप क्षेत्र में रहने वाला नागदेव परिवार सन 1947 से रावण की पूजा करता आ रहा है। परिवार के लोग देवी-देवताओं की पूजा के साथ-साथ रावण की भी पूरे विधि-विधान से आराधना करते हैं। हर साल विजयादशमी के मौके पर जब रावण का पुतला शहर में भ्रमण करता हुआ घंटाघर पहुंचता है, तब यह परिवार सार्वजनिक रूप से उसकी पूजा-अर्चना करता है। परिवार के सदस्य हरीश नागदेव बताते हैं कि दशहरे के दिन उनका परिवार शोक मनाता है। उन्होंने अपनी दुकान का नाम भी “लंकेश” रखा है, जहां बाकायदा रावण की तस्वीर लगी है और रोज उसकी पूजा की जाती है।

रावण दहन की परंपरा से सहमत भी नहीं परिवार

Dussehra Special Story: हरीश नागदेव का कहना है कि वे किसी अन्य देवी-देवताओं का विरोध नहीं करते, लेकिन रावण दहन की परंपरा से सहमत भी नहीं हैं। उनका मानना है कि दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है, और रावण ने भी अंतिम समय यही संदेश दिया था कि इंसान को अहंकार से बचना चाहिए और अच्छे कर्म करने चाहिए।

 

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