Mandsaur News: प्रदेश के इस जिले में बारिश की कमी, परेशान किसान फसल बचाने के लिए कर रहे ये अनोखे टोटके, वीडियो में देखें आप भी

Mandsaur News: प्रदेश के इस जिले में बारिश की कमी, परेशान किसान फसल बचाने के लिए कर रहे ये अनोखे टोटके

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  • Publish Date - August 18, 2025 / 04:25 PM IST,
    Updated On - August 18, 2025 / 04:25 PM IST

Mandsaur News | Photo Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • मंदसौर जिले में कम बारिश से खेत सूखे, किसान चिंतित
  • ग्रामीणों ने उज्जैनी और हवन कर इंद्रदेव को प्रसन्न करने का अनुष्ठान शुरू किया
  • तीतरोद गांव में भेरूनाथ भगवान को बेलों से खींचने की अनोखी परंपरा जारी

शुभम मालवीय/मंदसौर: Mandsaur News मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में जहां बाढ़ जैसे हालात बने थे, वहीं मंदसौर जिले में अब तक अच्छी बारिश न होने से किसान काफी परेशान दिखाई दे रहे हैं। इसी बीच ग्रामीण इलाकों में भगवान इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए अनोखे टोटके किए जा रहे हैं।

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Mandsaur News मंदसौर जिले में बारिश की कमी से खेत सूख रहे हैं और फसलों पर संकट मंडरा रहा है। इस चिंता से गांव-गांव में लोग इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग परंपराएं निभा रहे हैं। जिले के कई गांवों में “उज्जैनी” मनाई जा रही है। इस दौरान पूरे गांव को बंद रखा जाता है, हवन किया जाता है और इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए बाटी-चूरमा का भोग लगाया जाता है।

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ग्रामीणों का विश्वास है कि इस आयोजन से इंद्रदेव प्रसन्न होते हैं और अच्छी बारिश होती है। वहीं सीतामऊ क्षेत्र के तीतरोद गांव में अनोखी परंपरा देखने को मिलती है। यहां हर वर्ष भेरूनाथ भगवान को बेलों से खींचा जाता है। मान्यता है कि जहां बेल रुक जाते हैं, वहीं भगवान भेरूनाथ पूरे साल के लिए ठहर जाते हैं और गांव को आशीर्वाद देते हैं। गांव-गांव में इस तरह के टोटकों और धार्मिक आयोजनों के जरिए किसान समय पर और अच्छी बारिश की कामना कर रहे हैं।

हेमंत राम पाटीदार बताते हैं कि हमारे यहां बरसों से यह परंपरा चली आ रही है। गांव के लोग एकजुट होकर उज्जैनी मनाते हैं और भगवान से अच्छी बारिश की प्रार्थना करते हैं।

मंदसौर में किसान परेशान क्यों हैं?

जिले में अच्छी बारिश न होने से खेत सूख रहे हैं और फसलों पर संकट मंडरा रहा है।

उज्जैनी क्या है और कैसे मनाई जाती है?

उज्जैनी एक पारंपरिक आयोजन है जिसमें गांव बंद रखा जाता है, हवन होता है और इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए भोग लगाया जाता है।

तीतरोद गांव की खास परंपरा क्या है?

यहाँ हर साल भेरूनाथ भगवान को बेलों से खींचा जाता है। मान्यता है कि जहां बेल रुकते हैं, वहीं भगवान ठहरकर गांव को आशीर्वाद देते हैं।