बिहार: जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी के लिए राज्यसभा सीट की मांग की

बिहार: जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी के लिए राज्यसभा सीट की मांग की

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  • Publish Date - December 21, 2025 / 10:27 PM IST,
    Updated On - December 21, 2025 / 10:27 PM IST

पटना, 21 दिसंबर (भाषा) बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने रविवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के भीतर उनके साथ अनुचित व्यवहार किया जा रहा है और संकेत दिया कि यदि उनकी पार्टी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को राज्यसभा सीट नहीं दी गई, तो उन्हें अपने विकल्पों पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।

पूर्व मुख्यमंत्री माझी ने ये टिप्पणी अपने गयाजी संसदीय क्षेत्र में कीं, जहां उन्होंने अपनी पार्टी के एक कार्यक्रम को संबोधित किया और बाद में पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। मांझी के साथ उनके बेटे संतोष कुमार सुमन (हम से राज्य के मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष) भी थे। मांझी ने गठबंधन में अपने साथ हुए कथित ‘विश्वासघात’ के बारे में बात की।

स्थानीय मगही बोली में उन्होंने कहा, ‘अगर हमें हमारा हक नहीं मिला, तो हमें अपना रास्ता खुद बनाना होगा। मंत्री पद मेरे लिये कोई बड़ी बात नहीं है। यदि मैं केंद्रीय मंत्रिमंडल में नहीं भी रहा, तो भी मेरा राजनीतिक अस्तित्व कायम रहेगा।’’

मांझी ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी, जिसके वह एकमात्र सांसद हैं, अब उच्च सदन (राज्यसभा) में भी एक सीट चाहती है। हालांकि, जब पत्रकारों ने उनसे और सवाल किए, तो मांझी अपने चिर-परिचित अंदाज में पलट गए और कहा, “कृपया मेरी बातों को संदर्भ से बाहर लेकर तोड़ें मरोड़ें नहीं। मैं अपनी पार्टी का कोई फैसला भी नहीं ले सकता, क्योंकि मैं उसका पदाधिकारी नहीं, बल्कि केवल संरक्षक हूं।”

वर्ष 2015 में ‘हम’ का गठन करने वाले 80 वर्षीय नेता मांझी ने कहा कि उनकी टिप्पणी मीडिया की खबरों से प्रेरित थीं, जिनमें संकेत दिया गया था कि आगामी अप्रैल में होने वाले राज्यसभा चुनाव में भाजपा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जद(यू) को दो-दो सीट मिलेंगी, जबकि एक सीट चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को जाएगी।

उन्होंने कहा, “वर्ष 2024 के आम चुनाव से पहले हमें दो लोकसभा सीट और एक राज्यसभा सीट का वादा किया गया था। हमें केवल एक लोकसभा सीट मिली, जिसे हमने राजग के लिए जीता। राज्यसभा सीट को लेकर किया गया वादा अब तक पूरा नहीं हुआ है और यही बात मैं अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने रखना चाहता था।”

भाषा अमित दिलीप

दिलीप