जबलपुर, 17 अगस्त (भाषा) मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक बैंक की शाखा से हाल में हुई लगभग 14 करोड़ रुपये मूल्य के स्वर्णाभूषणों एवं नकदी की लूट के मामले में कथित भूमिका को लेकर चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों में तीन स्थानीय और एक राज्य के दमोह जिले का रहने वाला है।
पुलिस के मुताबिक इन चारों आरोपियों पर लूट को अंजाम देने वाले झारखंड के एक गिरोह को सुविधाएं मुहैया कराने और कीमती सामान लेकर भागने में मदद करने का आरोप है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत शर्मा ने कहा कि डकैती की योजना छत्तीसगढ़ के रायगढ़ की एक जेल के अंदर बनाई गई थी, जहां गिरफ्तार व्यक्तियों में से एक झारखंड गिरोह के सदस्यों से मिला था।
उन्होंने कहा कि हेलमेट पहने तीन युवकों ने 11 अगस्त की सुबह खिटोला इलाके में ईएसएएफ लघु वित्त बैंक की शाखा से लगभग 15 किलोग्राम सोना और पांच लाख रुपये नकद लूटे थे।
शर्मा ने कहा कि गिरोह के दो सदस्य मोटरसाइकिल पर बाहर इंतजार कर रहे थे जबकि अन्य सदस्यों ने बैंक शाखा में चार कर्मचारियों के मौजूद रहने के दौरान केवल 20 मिनट में सोने के गहने और लगभग पांच लाख रुपये नकदी लूट ली।
शर्मा के अनुसार, स्थानीय निवासी रईस सिंह लोधी झारखंड गिरोह के संपर्क में उस समय आया था, जब वह ड्रग्स के एक मामले में रायगढ़ जेल में था।
उन्होंने बताया कि लूट की योजना के तहत गिरोह के पांचों सदस्य लोधी के दस्तावेजों के आधार पर उसके साथी सोनू वर्मन द्वारा व्यवस्था किए गए किराए के एक मकान में ठहरे थे।
अधिकारी ने कहा कि गिरोह के सदस्यों ने वारदात को अंजाम देने से पहले 10 दिनों तक इंतजार किया।
पुलिस ने बताया कि एक अन्य आरोपी हेमराज ने अपराध में इस्तेमाल की गई एक नई मोटरसाइकिल की व्यवस्था की।
अधिकारी ने बताया कि लूटपाट के बाद गिरोह को दमोह ले जाया गया जहां विकास चक्रवर्ती ने उनके खाने और कोलकाता एक्सप्रेस से झारखंड जाने के लिए ट्रेन के टिकट का इंतजाम किया।
उन्होंने कहा कि लोधी, सोनू वर्मन, हेमराज और चक्रवर्ती को हिरासत में ले लिया गया है।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने गिरफ्तार लोगों के पास से दो मोटरसाइकिल, चार मोबाइल फोन, एक देसी पिस्तौल, चार कारतूस और 1.83 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं।
भाषा सं ब्रजेन्द्र राजकुमार
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