Illegal Transportation Of Rice : इस जगह पर शातिर तरीके से छिपा रखा था PDS का चावल, देर रात प्रशासन ने दबिश देकर की कार्रवाई

इस जगह पर शातिर तरीके से छिपा रखा था PDS का चावल...Illegal Transportation of Rice: PDS rice was cleverly hidden at this place, late night

  • Reported By: Neeraj Yogi

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  • Publish Date - February 2, 2025 / 12:05 PM IST,
    Updated On - February 2, 2025 / 12:11 PM IST

Illegal Transportation of Rice: Image Source-IBC24

गुना: Illegal Transportation Of Rice :   जिले में शासकीय चावल के अवैध परिवहन का मामला एक बड़ा मुद्दा बनकर सामने आया है।  पिपरौदा खुर्द क्षेत्र में प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के दौरान 22 क्विंटल शासकीय चावल जब्त किया गया।  इस कार्रवाई का नेतृत्व डिप्टी कलेक्टर मंजूसा खत्री और तहसीलदार गौरीशंकर बैरवा के निर्देशन में किया गया।

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Illegal Transportation Of Rice :   प्रशासन को सूचना मिली थी कि शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से वितरित किया जाने वाला चावल अवैध रूप से बाजार में बेचा जा रहा था। इसके बाद प्रशासन ने जांच शुरू की, जिसमें हेमराज अहिरवार के मकान के पास एक वाहन में 54 कट्टों में 22 क्विंटल चावल भरा हुआ पाया गया। वाहन चालक से जब दस्तावेज दिखाने को कहा गया, तो वह कोई वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सका। उसने बताया कि यह चावल सुनील साहू के मकान से लोड किया गया था और इसे बदरवास, जिला शिवपुरी ले जाया जा रहा था।

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Illegal Transportation Of Rice :  खाद्य विभाग की जांच में यह पुष्टि हुई कि यह चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली का हिस्सा था। इसके बाद प्रशासन ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। अब प्रशासन इस मामले की गहराई से जांच कर रहा है और यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि कहीं कोई बड़ा कालाबाजारी रैकेट सक्रिय तो नहीं है जो शासकीय चावल का अवैध रूप से वितरण कर रहा है।

शासकीय चावल के अवैध परिवहन के मामले में क्या कार्रवाई की गई?

गुना जिले के पिपरौदा खुर्द क्षेत्र में प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 22 क्विंटल शासकीय चावल जब्त किया गया। वाहन चालक को कोई वैध दस्तावेज नहीं दिखा सका और प्रशासन ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत मामला दर्ज किया।

शासकीय चावल के अवैध परिवहन से जुड़े मुख्य आरोप क्या हैं?

मुख्य आरोप यह है कि शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से वितरित होने वाला चावल अवैध रूप से बाजार में बेचा जा रहा था। यह चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली का हिस्सा था और इसका अवैध रूप से परिवहन किया जा रहा था।

शासन ने इस मामले में क्या कदम उठाए हैं?

प्रशासन ने मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं कोई बड़ा कालाबाजारी रैकेट तो सक्रिय नहीं है जो शासकीय चावल का अवैध रूप से वितरण कर रहा है।

क्या शासकीय चावल के अवैध परिवहन पर सख्त कानून है?

हां, शासकीय चावल के अवैध परिवहन पर आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाती है। इस अधिनियम की धारा 3/7 के तहत अवैध रूप से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सामान के परिवहन पर मामला दर्ज किया जा सकता है।

इस घटना से क्या सीख मिलती है?

यह घटना इस बात को दर्शाती है कि शासकीय संसाधनों के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के खिलाफ प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। यह अवैध व्यापार से निपटने के लिए समाज और प्रशासन की सशक्तता को उजागर करता है।