Reported By: Nasir Gouri
,Gwalior Kidnapping Case / Image Source: IBC24
Gwalior Kidnapping Case: ग्वालियर: ग्वालियर से एक नवंबर को लापता हुए तीन साल के मासूम रितेश पाल का बीस दिनों बाद भी कोई पता नहीं चला है। स्थानीय पुलिस ने इस दौरान व्यापक खोजबीन की लेकिन बच्चे की सुरक्षा या स्थिति के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है। मामले ने न केवल ग्वालियर पुलिस की कार्यकुशलता पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि मध्य प्रदेश भर में चिंता और चर्चा का विषय बन गया है।
पुलिस ने 500 से अधिक जवान और अधिकारियों को जंगलों और संभावित मार्गों की खोजबीन में लगाया। इसके साथ ही मासूम के मोबाइल कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) की जांच, मोबाइल लोकेशन और सर्विलांस का इस्तेमाल किया गया। बच्चे के परिवार के सदस्यों से कड़ी पूछताछ भी की गई, और हर संभावित एंगल को खंगाला गया। इसके बावजूद अभी तक रितेश का कोई सुराग नहीं मिला है।
जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं, बच्चे के सकुशल मिलने की संभावना कम होती जा रही है। पूरे मध्य प्रदेश में ग्वालियर पुलिस की किरकिरी हो रही है। आईजी, डीआईजी और एसएसपी ने इस मामले को अपनी चुनौती के रूप में लिया था लेकिन लगातार खाली हाथ रहने के कारण अधिकारियों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। पुलिस ने अब तक किडनैपिंग स्पॉट से गुजरने वाले मार्गों और हाईवे तक 400 से अधिक CCTV कैमरों की जांच की। फिर भी कोई सफलता हाथ नहीं लगी।
Gwalior Kidnapping Case: पुलिस का संदेह बच्चे की मां सपना पाल और मामी ज्योति पाल पर केंद्रित है। दोनों से कई बार पूछताछ की गई, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। बार-बार परिवार पर शक जताने से मां और मामी आहत हैं।
पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है, लेकिन लगातार खाली हाथ रहने के कारण आफिसर बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। परिजन अभी भी ये आशा थामे बैठे हैं कि उनका बच्चा सुरक्षित लौटेगा।