Reported By: mahendra singh kushwaha
,Fake Medicine in MP/ image source: IBC24
Fake Medicine in MP: ग्वालियर: ग्वालियर नकली दवाओं के निर्माण और भंडारण के गंभीर मामले में विशेष सत्र न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए आरोपी संजय पाठक को दोषी करार दिया है।
न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश “ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट” में आरोपी को 7 साल के कठोर कारावास और 8 लाख 40 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह कोई तकनीकी चूक नहीं बल्कि समाज और आमजन के स्वास्थ्य के खिलाफ किया गया गंभीर अपराध है।
Fake Medicine in MP: अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी ने फूड सप्लीमेंट का लाइसेंस लेकर उसकी आड़ में नकली एलोपैथिक दवाओं की फैक्ट्री संचालित की। आरोपी न तो वैध ड्रग लाइसेंस रखता था और न ही दवाओं के स्रोत व निर्माता से जुड़ी जानकारी जांच एजेंसियों को दे सका है जो कानून का स्पष्ट उल्लंघन है।
Fake Medicine in MP: दअरसल आरोपी संजय पाठक वर्ष 2018 से खांसी का सिरप और एंटीयायोटिक दवाओं का अवैध निर्माण कर रहा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए 30 सितंबर 2019 को दिल्ली से आई केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की संयुक्त टीम ने पुरानी छावनी स्थित दवा फैक्ट्री मेसर्स केलैक्स हेल्थकेयर लिमिटेड पर छापा मारा था।
जांच के दौरान बिना वैध ड्रग लाइसेंस के दवाओं का निर्माण, भंडारण और पैकेजिंग किए जाने के पुख्ता सबूत मिले। टीम ने यहां से दवाओं का कच्चा माल, पेंकिंग रेपर व हल्युमिनियम फॉइल, टैबलेट, कैप्सूल व सिरप बनाने की मशीने जब्त की थीं। मौके से जब्त दवाओं के नमूने केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला मुबई भेजे गए। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि एंटीबायोटिक दवा में संफिक्सीम की पहचान नहीं हुई। जिससे दवा को स्प्यूरियस (नकली) घोषित किया गया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी लगभग एक वर्ष तक जेल में भी रहा था।