Gwalior Digital Arrest Case: ‘तुम मनी लॉन्ड्रिग करते हो, मैं CBI का अफसर हूं’.. अनोखे अंदाज में डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुआ रेलवे का रिटायर्ड अधिकारी

आरोपी ने सुधाकर यादव पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के आरोप लगाए थे। उसने कहा कि किसी ने उनके नाम पर बैंक खाता खोल लिया है। आरोपी ने सुधाकर यादव से कहा कि वह इस पूरे मामले की खुद ही जांच कर रहा है।

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  • Publish Date - October 11, 2025 / 08:01 AM IST,
    Updated On - October 11, 2025 / 08:01 AM IST

Gwalior Digital Arrest Case || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • फर्जी अफसर ने वीडियो कॉल पर दी धमकी
  • मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर डराया गया
  • रिटायर्ड अधिकारी से 3.80 करोड़ की ठगी

Gwalior Digital Arrest Case: ग्वालियर: एमपी के ग्वालियर में रेलवे का रिटायर्ड अधिकारी डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुआ है। शातिर ठगों ने सेवानिवृत्त अफसर को डरा-धमकाकर उससे करीब 3 करोड़ 80 लाख रुपये की ठगी कर ली। हालांकि जब तक मामले का खुलासा होता, ठग अपना काम तमाम कर चुके थे।

व्हाट्सएप पर किया गया था वीडियो कॉल

दरअसल, रेलवे विभाग के चीफ टीएनसी के पद से सेवानिवृत्त सुधाकर यादव के पास किसी अज्ञात शख्स का फोन आया था। उसने कथित तौर पर आईपीएस की वर्दी पहनी हुई थी। आरोपी ने सुधाकर यादव को सीबीआई का अफसर बनकर व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल किया था।

मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के थे आरोप

Gwalior Digital Arrest Case: आरोपी ने सुधाकर यादव पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के आरोप लगाए थे। उसने कहा कि किसी ने उनके नाम पर बैंक खाता खोल लिया है। आरोपी ने सुधाकर यादव से कहा कि वह इस पूरे मामले की खुद ही जांच कर रहा है। ठग ने यह भी दावा किया था कि करीब दो घंटे बाद उसका फोन बंद हो जाएगा। बहरहाल, मामले के खुलासे के बाद पीड़ित रेलवे के पूर्व अफसर ने पुलिस से इसकी शिकायत की है। हुलिया और नंबर के आधार पर ठगी के आरोपी की तलाश शुरू कर दी गई है।

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1. ग्वालियर में रिटायर्ड अधिकारी से ठगी कैसे हुई?

फर्जी CBI अफसर ने व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर धमकाकर ठगी की।

2. आरोपी ने अधिकारी पर क्या आरोप लगाए थे?

मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने और फर्जी बैंक खाते खोलने के आरोप लगाए गए।

3. क्या पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है?

हाँ, पुलिस ने नंबर और हुलिए के आधार पर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।