Eyewitnesses of Pahalgam attack: "Terrorists took selfies with

Eyewitnesses of Pahalgam Attack: “आतंकियों ने गोली मारकर मृतकों के साथ ली सेल्फी, कैमरों में सबकुछ किया रिकॉर्ड” हमले में मारे गए सुशील के बेटे ऑस्टिन का बड़ा बयान

आतंकियों ने गोली मारकर मृतकों के साथ ली सेल्फी...Eyewitnesses of Pahalgam attack: "Terrorists took selfies with the dead after shooting them

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Modified Date: April 24, 2025 / 12:53 PM IST
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Published Date: April 24, 2025 12:39 pm IST
HIGHLIGHTS
  • आतंकी हमले में मारे गए सुशील के बेटे ऑस्टिन का बड़ा बयान
  • पिता को मेरे समाने ज़बरदस्ती कलमा पढ़वाने को कहा, फिर मार दी गोली"
  • "आतंकियों ने गोली मारकर मृतकों के साथ ली सेल्फी, कैमरों में सबकुछ किया रिकॉर्ड"

इंदौर: Eyewitnesses of Pahalgam attack:  देश को दहला देने वाली आतंकी वारदात के चश्मदीद गवाह बने मृतक सुशील के बेटे ऑस्टिन ने दिल दहला देने वाला बयान दिया है। उन्होंने बताया कि हमलावर बेहद सुनियोजित तरीके से हमला कर रहे थे। हमलावरों ने अपने सिर पर कैमरा लगे हुए थे जिससे वे पूरी घटना रिकॉर्ड कर रहे थे।

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Eyewitnesses of Pahalgam attack:  ऑस्टिन ने बताया कि हमलावर हर किसी से नाम और धर्म पूछ रहे थे। यदि कोई खुद को मुस्लिम बताता तो वे उससे कलमा पढ़वा रहे थे। यहां तक कि कलमा पढ़ने के बाद भी आतंकवादी पीड़ितों के नीचे के कपड़े उतरवाकर उनकी धार्मिक पहचान की पुष्टि कर रहे थे। मेरे सामने ही छह लोगों को गोली मार दी गई ऑस्टिन ने बताया। उन्होंने कहा कि उनके पिता सुशील को भी आतंकियों ने कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया। जब वे नहीं पढ़ पाए, तो उन्हें भी गोली मार दी गई।

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Eyewitnesses of Pahalgam attack:  ऑस्टिन ने यह भी बताया कि आतंकी हमले को अंजाम देने वाले चार लड़के महज 15-15 साल के थे। यह बात और भी चौंकाने वाली है कि गोली मारने के बाद ये आतंकी मृतकों के साथ सेल्फी ले रहे थे। उनके सिर पर लगे कैमरों से पूरी वारदात को रिकॉर्ड किया जा रहा था। यह हमला केवल एक व्यक्ति पर नहीं था, बल्कि यह इंसानियत पर हमला था। धर्म के नाम पर पहचान करके लोगों की निर्ममता से हत्या करना, न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि मानवता के मूल मूल्यों का भी अपमान है।

ऑस्टिन ने पहलगाम हमले के बारे में क्या बयान दिया?

ऑस्टिन ने बताया कि हमलावर सिर पर कैमरा लगाए हुए थे और पूरी घटना को रिकॉर्ड कर रहे थे। वे पीड़ितों से नाम और धर्म पूछ रहे थे और धार्मिक पहचान की पुष्टि करने के लिए उन्हें शारीरिक रूप से जांच रहे थे।

ऑस्टिन के पिता सुशील की हत्या कैसे हुई?

ऑस्टिन के अनुसार, उनके पिता सुशील को आतंकियों ने कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया। जब वे नहीं पढ़ पाए, तो उन्हें भी गोली मार दी गई।

हमलावरों की उम्र क्या थी?

ऑस्टिन ने बताया कि हमले को अंजाम देने वाले चार लड़के महज 15-15 साल के थे।

हमलावरों ने मृतकों के साथ क्या किया?

ऑस्टिन ने बताया कि गोली मारने के बाद ये आतंकी मृतकों के साथ सेल्फी ले रहे थे और उनके सिर पर लगे कैमरों से पूरी वारदात को रिकॉर्ड किया जा रहा था।

इस हमले को लेकर ऑस्टिन का क्या कहना था?

ऑस्टिन ने कहा कि यह हमला केवल एक व्यक्ति पर नहीं था, बल्कि यह इंसानियत पर हमला था। धर्म के नाम पर पहचान करके लोगों की निर्ममता से हत्या करना, न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि मानवता के मूल मूल्यों का भी अपमान है।​