कैंटीन पेमेंट फ्रॉड! ग्राहकों की पेमेंट जाती थी कांस्टेबल के खाते में, डीएसपी ने ऑनलाइन दिया पैसा तो हुआ खुलासा
इंदौर:Canteen Payment Fraud प्रदेश की औद्यौगिक राजधानी इंदौर में पुलिस बटालियन की कैंटीन में पेमेंट फ्रॉड का मामला सामने आया है। पेमेंट के क्यू आर कोड में कॉनस्टेबल का अकाउंट लिंक पाया गया है। मामला पोलोग्राउंड स्थित एसएएफ फर्स्ट बटालियन का है। जहां कैंटीन इंचार्ज कॉंस्टेबल चंद्रिका प्रसाद कैंटीन में अपने खाते से जुड़ा बार कोड लगा रखा था। जिसकी पेमेंट उसके खाते में जाती थी। हाल ही में कैटीन के ब्यौरे पर डीएसपी साहब आए थे। डीएसपी नें कैंटीन में समोसा खाया, लेकिन छुट्टे पैसे ना होने कारण, ऑनलाइन पेमेंट के लिए कहा तो, वहां रखे बार कोड स्टैंड पर अधिकारी नें स्कैन कर पेमेंट कर दी , लेकिन पैसे कैंटीन इंचार्ज के खाते में गए। जिसके बाद डीएसपी ने इस बात को सरकारी धन में हेर का मामला लगाते हुए, सीनियर अधिकारी से शिकायत की। जिसके बाद क्वार्टर मास्टर रामनिवास यादव ने मामले की जांच की, जिसमें कैंटीन इंचार्ज चंद्रिका प्रसाद दोषी पाया गया। दोषी करार होने के बाद कॉंस्टेबल से कैंटीन का इंचार्ज ले लिया गया है।
चंद्रिका प्रसाद पर कैंटीन में रेट कम ज्यादा करने लिए भी है शिकायत
कैंटीन का प्रतिदिन उपयोग करने वाले जवानों ने देखा कि मामले कि सुनवाई हुई है तो उन्होने एक और दिलचस्प बात अधिकारियों को बताई, जवानों ने कहा कि शहर का सबसे सस्ता समोसा यही मिलता है। जिसका रेट 8रु/प्रति नग है। लेकिन कैंटीन इंचार्ज यानी चंद्रिका प्रसाद उन समोसो की कीमत 10 रुपये ले रहा था। प्रति दिन कैंटीन में लगभग 800 से 1000 समोसे बनाए जाते है। जिसका यदि हम दो रुपये समोसे चोरी देखें तो 2000 रुपये की हर दिन चोरी की जा रही थी।
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