बिना चर्चा के पास हुआ बजट, पक्ष-विपक्ष में हुए विवाद के बाद थाना पहुंचा मामला, मेयर- विधायक बैठे धरने पर

बिना चर्चा के पास हुआ बजट, पक्ष-विपक्ष में हुए विवाद के बाद थाना पहुंचा मामला, मेयर- विधायक बैठे धरने पर

बिना चर्चा के पास हुआ बजट, पक्ष-विपक्ष में हुए विवाद के बाद थाना पहुंचा मामला, मेयर- विधायक बैठे धरने पर
Modified Date: November 29, 2022 / 08:12 pm IST
Published Date: June 13, 2019 10:28 am IST

इंदौर । शहर की नगर पालिका निगम के नाम पर वैसे तो कई उपलब्धियां दर्ज है। लेकिन गुरुवार को निगम के बजट सत्र के दौरान जो हुआ उसने निगम की गरिमा को धब्बा लगा दिया है। बिना चर्चा के पास हुआ पूरा बजट हंगामे की भेंट चढ़ गया। सदन में हुए हंगामे के बाद मामला पुलिस थाने तक पहुंच गया है।

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इंदौर नगर पालिका निगम का बजट सत्र भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया। गुरुवार को बजट के सत्र के दूसरे दिन बजट पर चर्चा होनी थी। लेकिन सत्र शुरू होने के पहले ही वार्ड क्रंमाक 21 की पार्षद माधवी चौकसे और उनके पति कांग्रेस नेता चिंटू चौकसे के नेतृत्व में रहवासी ब्रिलियंट कन्वेशंसन सेंटर के बाहर पानी की समस्या को प्रदर्शन करने पहुंच गए थे।परिसर के बाहर खासी देर तक विरोध करने के बाद भी प्रदर्शनकारी यहीं नहीं रुके बल्कि सदन स्थल में दाखिल हो गए और यहां सदन के अंदर पहुचकर भारी हंगामा करने लगे।

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इस हंगामे के बीच कांग्रेस कार्यकर्ता और एमआईसी सदस्यों के बीच जमकर धक्का मुक्का भी हुई । नौबत मारपीट तक की आ गई। सदन के अंदर भारी हंगामे की निंदा करते हुए बीजेपी पार्षद दल ने दोषी पार्षद और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सभापति और निगम अधिकारियों के सामने धरना दिया।

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हालाकि,बाद में सभापति ने कांग्रेस पार्षद माधवी चौकसे को निलंबित कर दिया और बिना चर्चा के ध्वनि मत से बजट पास कर दिया। बजट सत्र के दौरान एमआईसी सदस्यों के साथ हुई धक्का मुक्की और सदन के भीतर हुए हंगामे के विरोध में महापौर मालिनी गौड़,विधायक महेन्द्र हार्डिया और बीजेपी पार्षद दल सांसद शंकर ललवानी के साथ लसुड़िया थाने पहुंच गए। एफआईआर दर्ज ना होने पर मेयर मालिनी गौड़ और विधायक महेंद्र हार्डिया धरने पर बैठ गए। पुलिस ने अभी एफआईआर दर्ज नहीं की है। पुलिस के आलाअधिकारियों का कहना जांच के बाद FIR की जाएगी । धरने पर बैठे भाजपा पदाधिकारियों ने इसे इंदौर नगर निगम का काला दिन करार दिया है।

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इधर कांग्रेस पार्षद दल हंगामे के पीछे भाजपा की साजिश बता रहे। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा चाहती ही नहीं थी कि बजट पर चर्चा की जाए।इसी वजह से बजट को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया जबकि हंगामा खत्म हो गया था।सभापति चाहते तो चर्चा हो सकती थी । इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष, नगर अध्यक्ष, पार्षद, और बड़ी संख्या में कांग्रेसी एसएसपी ऑफिस पहुंच गए। कांग्रेसी नेताओं ने निगम बजट के दौरान हुए विवाद को दुर्घटना बताया है। कांग्रेसियों के मुताबिक बीते बुधवार को राष्ट्रगान के विवाद को दबाने के लिए ये हंगामा किया गया है। कांग्रेस ने अपना बचाव करते हुए कहा कि आम लोगों ने बीजेपी नेताओं से विवाद किया था। कांग्रेसी नेताओं ने पुलिस से जांच के बाद कार्रवाई
करने की बात कही है।

 


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