शह मात The Big Debate: पुलिस करेगी मानस पाठ..जय हिंद के साथ जय श्री राम, क्या धार्मिक ग्रंथ को पुलिस ट्रेनिंग का हिस्सा बनाना सही है? देखिए पूरी रिपोर्ट

MP Politics: पुलिस करेगी मानस पाठ..जय हिंद के साथ जय श्री राम, क्या धार्मिक ग्रंथ को पुलिस ट्रेनिंग का हिस्सा बनाना सही है? देखिए पूरी रिपोर्ट

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  • Publish Date - July 24, 2025 / 11:57 PM IST,
    Updated On - July 24, 2025 / 11:58 PM IST

MP Politics | Photo Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • मध्यप्रदेश पुलिस ट्रेनिंग स्कूलों में रामचरित मानस के पाठ की शुरुआत
  • राम के जीवन से अनुशासन व कर्तव्य सीखने का उद्देश्य
  • बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने

भोपाल: MP Politics पुलिस के नए रंगरुट अब रामचरित मानस से सीखेंगे अनुशासन और मर्यादा का पाठ और हर ट्रेनिंग सेंटर में जय हिंद के साथ गूंजेगा जय श्रीराम। एडीजी के इस सलाह पर अमल भी शुरु हो गया है। राम के आदर्श का अनुसरण में यूं तो कोई आपत्ति नहीं। पर जो गैर हिंदू हैं क्या उनके लिए रामचरित मानस का पाठ सहज होगा? ये एक सवाल है हालांकि उनकी ओर से अब तक कोई शिकायत नहीं की गई है। इधर कांग्रेस को जरूर इस फैसले पर एतराज जताते सुना जा रहा है। मामला देखने में इतना उलझा हुआ नहीं दिखता पर कुछ ऐसे पेंच जरूर हैं, जो सियासत को हवा देते हैं। दो सवाल उठ रहे हैं, एक तो ये कि राम जिसे हम मर्यादा पुरुषोत्तम कहते हैं, उनके जीवन से ट्रेनी पुलिस अगर कुछ सीखते हैं तो इस पर कोई आपत्ति क्यों? आखिर ये कोई धार्मिक अनुष्ठान के तहत तो हो नहीं रहा? दूसरा सवाल ये कि हम एक सेक्युलर सेटअप में रहते हैं, ऐसे में क्या रामचरित मानस के पठन-पाठन से अनायास ही पुलिस ट्रेनिंग सेंटर्स में धर्म विशेष की एंट्री हो रही है?

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MP News पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में ये आरक्षक ना सिर्फ पीटी ड्रिल कर रहे हैं। बल्कि रामचरित मानस का पाठ भी कर रहे हैं। रामचरित मानस का पाठ क्यों कर रहे हैं इसकी वजह सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। क्योंकि वजह बड़ी अनोखी है। दरअसल नौकरी के शुरुआती दौर में ही नए रंगरुटों ने एमपी पुलिस के ट्रेनिंग डिपार्टमेंट को गफलत में डाल दिया है। ट्रेनी आरक्षकों ने ट्रेनिंग के पहले ही तबादले की डिमांड जो कर दी है। कई आरक्षकों ने ये आवेदन दिया है कि उन्हें उनके नजदीकी पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में भेज दिया जाए। तबादले के बहाने भी सबके तकरीबन एक ही हैं। पिता बीमार हैं या मां बीमार है। उनकी सेवा करनी है। जाहिर है नव आरक्षकों के तबादलों की मांग पर एडीजी ट्रेनिंग राजाबाबू सिंह ने वीसी में ये कह दिया कि आप सबकों रामचरित मानस का पाठ करना चाहिए, कैसे भगवान राम 14 साल परिवार से अलग रहे और जब लौटे तो मर्यादा पुरुषोत्तम बनकर।

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खैर,नव आरक्षकों ने रामचरित मानस का पाठ भी शुरु कर दिया है, लेकिन अब कांग्रेस को इस पर ऐतराज़ है और इस एतराज पर भाजपा हमलावर है।

फिलहाल पीटीएस में रामचरित मानस के पाठ पर सियासी बवाल शुरु हो गया है। कांग्रेस के सवाल पर बीजेपी भड़क गयी है। बीजेपी इस पर सियासी माइलेज लेने की कोशिश कर रही है। बीजेपी को मालूम है कि कांग्रेस जितना आपत्ती लेगी बहुसंख्यक समाज का भरोसा बीजेपी सरकार पर उतना ही बढ़ेगा। बावजूद इसके कांग्रेस सेल्फ गोल कर अपना ही नुकसान कर रही है।

रामचरित मानस का पाठ पुलिस ट्रेनिंग में क्यों शामिल किया गया है?

एडीजी ट्रेनिंग ने सुझाव दिया कि नव आरक्षक भगवान राम के जीवन से त्याग, अनुशासन और मर्यादा की सीख लें। यह पहल आरक्षकों में कर्तव्यनिष्ठा विकसित करने के लिए की गई।

क्या ये धार्मिक गतिविधि है या शैक्षणिक पहल?

सरकारी पक्ष के मुताबिक यह धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि "संस्कार व अनुशासन की प्रेरणा" के उद्देश्य से किया जा रहा पाठ है।

क्या गैर-हिंदू आरक्षकों को इस पाठ से कोई आपत्ति है?

अब तक किसी गैर-हिंदू रंगरुट की ओर से औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है। हालांकि यह सवाल सामाजिक और संवैधानिक रूप से उठाया जा रहा है।