Unique Ganesh Murti: ये हैं प्रदेश के सबसे अमीर गणपति.. 41 किलो चांदी से सजे हैं रजत गणेश, लेकिन हर दिन बढ़ क्यों रहा वजन? पढ़ें दिलचस्प गाथा

शुद्ध चांदी से बनी भगवान गणेश की इस अलौकिक प्रतिमा के दर्शन के लिए दूर दूर से भक्त जबलपुर में रजत गणेश जी के धाम पहुंच रहे हैं और बहुत से लोग अपनी अर्जियां लेकर बप्पा के दरबार में हैं।

  • Reported By: Vijendra Pandey

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  • Publish Date - September 2, 2025 / 11:32 AM IST,
    Updated On - September 2, 2025 / 11:35 AM IST

Unique Ganesh Murti || Image- IBC24 News file

HIGHLIGHTS
  • 41 किलो शुद्ध चांदी से बनी गणेश प्रतिमा
  • भक्तों की मन्नतें पूरी होने पर चढ़ती है चांदी
  • हर साल प्रतिमा का वज़न बढ़ता जा रहा है

Unique Ganesh Murti: जबलपुर: देशभर में इन दिनों गणेश चतुर्थी की धूम है। हर शहर, गली, मोहल्लों में भगवान् गणनायक की पूजा-अर्चना हो रही है। ऐसे में आज आपको मध्यप्रदेश की सबसे अदभुत गणेश प्रतिमा के दर्शन कराते हैं।

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पूरी होती है मन्नतें

संस्कारधानी जबलपुर में ये प्रतिमा 41 किलो शुद्ध चांदी से बनी है जो रजत गणेश के रुप में विराजित हैं। अनोखी बात ये है कि यहां भक्तिगण अपनी मन्नतें पूरी होने के बाद चांदी चढ़ाते हैं जिससे सवा पांच किलो से बढ़कर प्रतिमा का वज़न आज 41 किलो हो गया है।

जबलपुर के गौरीघाट क्षेत्र में ललपुर के पास सिद्धिविनायक भगवान गणेश जी का अनोखा पण्डाल स्थित है। यहां सभी मनोकामना पूरी करने वाले सिद्ध रजत गणेश विराजे हैं। रजत गणेश इसीलिए क्योंकि भगवान गणेश की ये प्रतिमा शुद्ध चांदी से बनी है वो भी पूरी 41 किलो चांदी है। यहां भगवान गणेश के पूजन स्थल के पास ही भक्तगण अर्जियां लगा रहे हैं। दर्शन के लिए आ रहे भक्त, अपनी अर्जियां सुनाते हैं जिन्हें लिखित रुप से रजिस्टर में एंटर कर लिया जाता है फिर ये अर्जियां गणेश जी को सुनाई जाती हैं। रजत गणेश के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं.. कोई भगवान गणेश के इस दिव्य रुप को देखकर हैरान है तो कोई यहां अपनी अर्जी लगाने आया है

5 से बढ़कर 41 हुआ वजन

Unique Ganesh Murti: मान्यता है कि भगवान गणेश हर अर्जी को सुनकर मनोकामना पूरी करते हैं.. मनोकामना पूरी होने पर भक्त गण बप्पा के इस दरबार में लौटकर अपनी क्षमता के अनुसार चांदी चढ़ाते हैं और हर साल चढौतरी में आने वाली चांदी को एकट्ठा कर अगले वर्ष प्रतिमा में जोड़ दिया जाता है। इस तरह सवा पांच किलो चांदी से बढते बढ़ते प्रतिमा का वज़न आज 41 किलो हो गया है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि भगवान गणेश की कृपा से लोगों की मनोकामना पूरी हो रहीं है और वो दिन दूर नहीं जब यहां सिद्ध रजत गणेश सबसे ज्यादा चांदी वाली प्रतिमा में विराजेंगे।

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शुद्ध चांदी से बनी भगवान गणेश की इस अलौकिक प्रतिमा के दर्शन के लिए दूर दूर से भक्त जबलपुर में रजत गणेश जी के धाम पहुंच रहे हैं और बहुत से लोग अपनी अर्जियां लेकर बप्पा के दरबार में हैं। हर साल बढ़ रहा प्रतिमा का वज़न ये तो बता ही रहा है कि सिद्धिविनायक कितनों के कष्ट हरकर उन्हें सुख, समृद्धि और आरोग्य प्रदान कर रहे हैं।

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1. रजत गणेश प्रतिमा कितने किलो चांदी की बनी है?

यह प्रतिमा 41 किलो शुद्ध चांदी से बनी है, जो हर साल बढ़ती है।

2. भक्त चांदी क्यों चढ़ाते हैं इस मंदिर में?

मनोकामना पूर्ण होने पर श्रद्धालु अपनी श्रद्धा अनुसार चांदी चढ़ाते हैं।

3. अर्जियां कैसे लगाई जाती हैं रजत गणेश के दरबार में?

भक्त लिखित अर्जी लगाते हैं, जो गणेश जी को सुनाई जाती है।