Rambhadracharya on Premanand Maharaj, image source: ibc24
चित्रकूट: Rambhadracharya on Premanand Maharaj, संस्कृत भाषा और धार्मिक विमर्श को लेकर बीते दिनों उठे विवाद के बीच जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने अपनी सफाई पेश की। उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रेमानंद महाराज के लिए कोई अभद्र टिप्पणी नहीं की है, वह उनके बालक जैसे हैं। यह सफाई बयान अपने चित्रकूट स्थित तुलसी पीठ आश्रम से दी है।
दरअसल, दो दिन पहले रामभद्राचार्य का वीडियो सामने आया था, जिसमें उन्होंने प्रेमानंद महाराज को संस्कृत बोलने और श्लोकों का अर्थ समझाने की चुनौती दी थी। इस बयान पर प्रेमानंद महाराज के अनुयायियों ने नाराजगी जताई थी। मामला तूल पकड़ने के बाद अब जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने सफाई दी है। उन्होंने कहा आज सनातन धर्म पर चारों ओर से आक्रमण हो रहे हैं। हिंदुओं को एकजुट होने की जरूरत है। हमने पांच सौ साल की लड़ाई लड़ी और राम मंदिर पाया।
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Rambhadracharya on Premanand Maharaj, उन्होंने कहा कि ने प्रेमानंद जी के लिए कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की। हां मैं चमत्कार को नमस्कार’ नहीं करता। एक आचार्य होने के नाते मैं सबको कहता हूं कि संस्कृत का अध्ययन करना चाहिए। हर हिंदू को संस्कृत पढ़नी चाहिए। आज भी मैं 18-18 घंटे पढ़ता हूं। मेरे लिए जो भ्रम फैलाया जा रहा है, वह गलत है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने अपने शिष्य धीरेंद्र शास्त्री को भी संस्कृत पढ़ने और ज्ञान अर्जित करने की सलाह दी है। अंत में उन्होंने प्रेमानंद महाराज के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि वे उनके स्वास्थ्य और दीर्घायु की लगातार कामना करते हैं।
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