Justice For Shiv Question on the role of Varanasi Police regarding student Shiv murder CASE

#JusticeForShiv : आखिर उस रात शिव के साथ ऐसा क्या हुआ, जिसे बताने से बच रही वाराणसी पुलिस?… शक के दायरे में कार्रवाई…

#JusticeForShiv : बीएचयू पढ़ने गए पन्ना के स्टूडेंट्स शिव को जमीं खा गई... या फिर आसमां निगल गया..? सच जानने IBC24 की टीम काशी पहुंची...

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : April 27, 2022/9:13 pm IST

#JusticeForShiv पन्ना । बीएचयू पढ़ने गए पन्ना के स्टूडेंट्स शिव को जमीं खा गई… या फिर आसमां निगल गया..? इस सच को जानने के लिए IBC24 की टीम जब काशी पहुंची… तो कई सच बेपर्दा हुए… कई ऐसे सच… जिन्होंने सिस्टम से पर्दा उठाया… कई ऐसे सच… जिन्हें बड़ी खूबसूरती से झूठ से ढका गया था… IBC24 के रिपोर्टर विजेंद्र पांडेय ने काशी जाकर शिव के सत्य की पूरी पड़ताल की…

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पन्ना जिले के छोटे से जिस गांव से शिव का सफर शुरू हुआ था… और काशी में रामनगर के जिस जमुना तालाब में खत्म हुआ… जिस-जिस रास्ते से शिव गुजरता हुआ, पन्ना से काशी पहुंचा, वहां-वहां-उसी-उसी रास्ते से होता हुई IBC24 की टीम भी पन्ना से काशी पहुंची.. सिर्फ शिव को इंसाफ दिलाने के लिए… सिर्फ उसकी मौत का रहस्य जानने के लिए… सिर्फ उन सवालों का जवाब जानने… और जिम्मेदारों से पूछने के लिए… जो शिव के गुनहगार… और उसकी मौत के जिम्मेदार हैं… इंसाफ की इस लड़ाई में वाराणसी के लंका थाने की पुलिस की भूमिका संदेहों के दायरे में है… यही वो पहली कड़ी है, जहां से शिव का सारा सच सामने आ सकता था… लेकिन पुलिस ने 13 फरवरी 2000 की उस रात भी घटनाक्रम पर पर्दा डाला… और आज भी पूरा सच बताने को तैयार नहीं है।

#JusticeForShiv : इलाहाबाद हाईकोर्ट की फटकार के बाद लंका थाने की पुलिस ने ये तो कबूल लिया कि उसने शिव को उस रात पूछताछ के लिए बुलाया था… फिर मानसिक हालत ठीक नहीं होने पर दूसरे दिन छोड़ भी दिया, लेकिन जब ऐसा था… तो उसने शिव के पिता को पूरी बात क्यों नहीं बताई… क्यों उसने शिव के आने की बात छिपाकर उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की… जबकि उसे पता था कि शिव के ही उम्र के एक युवक की लाश मिल चुकी है, तो भी उसने इस बारे में परिजनों को जानकारी नहीं दी..?

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शिव की संदिग्ध मौत को लेकर पुलिस की कार्रवाई पर शुरु से ही सवाल उठ रहे हैं। इन सवालों के जवाब पुलिस के पास नहीं है। उसके पास इन सवालों के जवाब नहीं है कि…आखिर कैसे हुई शिव की मौत? शिव के साथ उस रात आखिर क्या हुआ? क्या है शिव के गायब हो जाने वाली 13 फरवरी 2000 की रात का पूरा सच? अपनी ही कार्रवाई से सवालों के घेरे में है वाराणसी के लंका थाने की पुलिस? और आखिर ऐसा क्या हो गया… कि कोई भी पुलिस अफसर इस मुद्दे पर बात करने को तैयार नहीं हैं? घटना की रात क्यों बंद था थाने का सीसीटीवी, इस बारे में भी किसी वर्दीवाले की जबान नहीं खुल रही? ऐसा तब, जबकि उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी दौरे पर थे…

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#JusticeForShiv : पुलिस अपना बचाव करते हुए ये दलील दे रही है कि शिव की मानसिक हालत ठीक नहीं थी, तो इस बात का पुलिस को कैसे पता चला? हर किसी के जेहन में यही सवाल है कि… उस रात शिव के साथ ऐसा क्या हुआ, जिसे पुलिस नहीं बताना चाहती? सवाल ये भी है कि अगर शिव की हालत चलने लायक नहीं थी, तो फिर गंगा नदी पुल पार कर तालाब तक वो कैसे पहुंचा..? शिव को इंसाफ दिलाने की IBC24 की इस मुहिम में सवालों की फेहरिस्त और भी हैं… लेकिन सवाल ये है कि… जिम्मेदार जवाब क्यों नहीं दे रहे और इसी में शिव की मौत का राज छिपा है।

 
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