Bank Fraud in Katni: गुम सिम से उड़ा डाले रिटायर्ड कर्मचारी के लाखों रुपए, गांव का कियोस्क संचालक ने दिया हाईटेक ठगी को अंजाम

गुम सिम से उड़ा डाले रिटायर्ड कर्मचारी के लाखों रुपए...Bank Fraud in Katni: Retired employee's lakhs of rupees siphoned off using lost SIM

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Reported By: Vikas Barman

Modified Date: June 13, 2025 / 06:13 PM IST
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Published Date: June 13, 2025 6:13 pm IST
Bank Fraud in Katni: गुम सिम से उड़ा डाले रिटायर्ड कर्मचारी के लाखों रुपए,  गांव का कियोस्क संचालक ने दिया हाईटेक ठगी को अंजाम
HIGHLIGHTS
  • कटनी में 11 लाख की बैंक ठगी,
  • रिटायर्ड रेलकर्मी के खाते से उड़ाए पैसे,
  • गांव का कियोस्क संचालक गिरफ्तार,

कटनी: Bank Fraud in Katni:  जिले के बाकल थाना क्षेत्र में बड़ी बैंक धोखाधड़ी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। एक रिटायर्ड रेलकर्मी के खाते से करीब 11 लाख रुपये की फर्जी निकासी कर ली गई। पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त कार्रवाई में इस मामले का खुलासा हुआ है जिसमें गांव के ही कियोस्क संचालक समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

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Bank Fraud in Katni:  प्रार्थी लालजी बर्मन उम्र 55 वर्ष, निवासी ग्राम बसेहड़ी ने बाकल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनके पिता प्रेमलाल बर्मन, जो रेलवे विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके हैं के सेंट्रल बैंक खाते से किसी अज्ञात व्यक्ति ने फर्जीवाड़ा करते हुए करीब 10 से 11 लाख रुपये निकाल लिए। पुलिस और साइबर सेल की टीम ने तत्परता दिखाते हुए जांच शुरू की और डिजिटल ट्रैकिंग तथा मानवीय सूत्रों से जानकारी जुटाकर गांव के ही कियोस्क संचालक मनोहर लोधी को गिरफ्तार किया। मनोहर ने अपने दो साथियों रोहित लोधी (सिहुड़ी) और सौरभ लोधी (खमतरा) के साथ मिलकर पीड़ित की गुम हुई सिम का दुरुपयोग किया।

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Bank Fraud in Katni:  तीनों आरोपियों ने मृतक रामकुमार लोधी के नाम से फर्जी अकाउंट खोलकर एयरटेल पेमेंट बैंक और फोन पे के जरिए बड़ी रकम ट्रांसफर की। जांच में यह भी सामने आया कि पैसों की निकासी के लिए अलग-अलग मोबाइल और फर्जी आईडी का इस्तेमाल किया गया। पुलिस ने आरोपियों से धोखाधड़ी में प्रयुक्त मोबाइल फोन और दस्तावेज बरामद कर लिए हैं। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।

बैंक धोखाधड़ी क्या है और "बैंक धोखाधड़ी" के मामले में क्या-क्या अपराध शामिल होते हैं?

"बैंक धोखाधड़ी" वह अपराध है जिसमें कोई व्यक्ति किसी अन्य के बैंक खाते से धोखे से धन निकालता है। इसमें फर्जी पहचान, सिम क्लोनिंग, डिजिटल पेमेंट ऐप का दुरुपयोग जैसे कृत्य शामिल हो सकते हैं।

अगर किसी के खाते से "बैंक धोखाधड़ी" के जरिए पैसा निकाल लिया जाए तो क्या करना चाहिए?

तुरंत नजदीकी पुलिस थाने या साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं। साथ ही बैंक को सूचित करें ताकि खाते को ब्लॉक किया जा सके।

"बैंक धोखाधड़ी" के लिए सबसे आम तरीका क्या होता है?

गुम हुई सिम का दुरुपयोग, फर्जी दस्तावेजों से खाता खोलना, मोबाइल ऐप के जरिए पैसा ट्रांसफर करना आदि बैंक धोखाधड़ी के आम तरीके हैं।

क्या कियोस्क संचालक द्वारा "बैंक धोखाधड़ी" करना आम है?

हालिया मामलों में देखा गया है कि कुछ कियोस्क संचालक अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर "बैंक धोखाधड़ी" में संलिप्त पाए गए हैं। इसलिए खाताधारकों को सतर्क रहना चाहिए।

क्या बैंक धोखाधड़ी के अपराधियों को सजा होती है?

हाँ, "बैंक धोखाधड़ी" भारतीय दंड संहिता और आईटी एक्ट के तहत दंडनीय अपराध है और दोषी पाए जाने पर 3 से 7 वर्ष तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।