Khajuraho G20 Summit: ‘नैना बंध लागे कहियो’..! बुंदेली रंग में रंगे विदेशी मेहमान, राजकीय नृत्य ‘राई’ पर बेड़नियों के साथ लगाए ठुमके, आप भी देखें वीडियो

Khajuraho G20 Summit: 'नैना बंध लागे कहियो'..! बुंदेली रंग में रंगे विदेशी मेहमान, राजकीय नृत्य ‘राई’ पर बेड़नियों के साथ लगाए ठुमके...

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  • Publish Date - September 22, 2023 / 08:44 PM IST,
    Updated On - September 22, 2023 / 08:44 PM IST

MP Khajuraho G20 Summit : खजुराहो। भारत की जी-20 अध्यक्षता के अंतर्गत जी-20 इन्फ्रास्ट्रक्चर कार्यकारी समूह की चौथी बैठक 21-22 सितम्बर को खुजराहो में होने जा हुई। जी-20 की भारत की अध्यक्षता के अंतर्गत यह इन्फ्रास्ट्रक्चर कार्यकारी समूह की अंतिम बैठक हुई। इसमें जी-20 के सदस्य देशों के साथ ही भारत द्वारा आमंत्रित अतिथि देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 54 शिष्टमंडल एकत्रित हुए। बैठक में पिछली तीन इन्फ्रास्ट्रक्चर कार्यकारी समूह की बैठकों में हुई चर्चा को आगे बढ़ाते हुए प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श किया किया। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आतिथ्य में होने वाली बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्रालय द्वारा और सह-अध्यक्षता ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील द्वारा की गई।

 

MP Khajuraho G20 Summit : बता दें कि बुंदलखण्ड के नृत्य पूरे प्रदेश ही नहीं देश में मशहूर है। जिसे राजकीय नृत्य का दर्जा भी दिया गया है। बुंदेलखंड में ढिमरयाई, राई, दिवारी और तमूरा गायनों का प्रचलन अधिक तौर पर देखा जाता है। जो बुंदेलखंड को एक नई पहचान देते है। ‘राई’ प्रदेश का राजकीय नृत्य भी है। जानकारी के लिए बता दूं कि ‘राई’ का पहले लोग गलत भावना से देखते और परखते थे परन्तु समय के साथ जब बुंदेलखंड में ‘राई’ ने अपनी एक अलग और नई पहचान बनाई तो धीरे धीरे यह पूरे प्रदेश में विख्यात हो गई।

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‘राई’ पर थिरके विदेशी मेहमान

बता दें कि जैसे ही विदेशी मेहमान बुंदेलखंड की धरती खजुराहो में पहुंचे तो बुंदेलखंड के कलाकारों ने बुंदेलखंड ही नहीं प्रदेश के राजकीय नृत्य राई से सभी का स्वागत किया। G20 सम्मेलन में 20 देश के प्रतिनिधि शामिल होने खजुराहो आए हुए हैं। जिनके स्वागत के लिए खजुराहो के सांसद विष्णु दत्त शर्मा के नेतृत्व में खजुराहो के नागरिकों के द्वारा पलक पांवड़े बिछाकर उनका स्वागत किया। बुंदेली कलाकारों ने भी बुंदेली अपनी कला और संस्कृति से विदेशी मेहमानों को परिचित कराया। बुंदेली कलाओं में लोकगीत राई नृत्य बधाई धीमरयाई, कच्चआई इत्यादि गीतों से 20 देश से आए हुए प्रतिनिधियों को मंत्र मुक्त कर दिया। बधाई नृत्य पर विदेशी मेहमानों ने बुंदेली कलाकारों के साथ जमकर ठुमके लगाए।

 

‘राई’ नृत्य कैसे किया जाता है?

चमकीले गुलाबी, पीले, हरे और नीले रंग की पारंपरिक बुंदेली पोशाक पहने हुए, झांसी की महिलाएं तबला, हारमोनियम, नगड़िया, मंजीरा, रामतूला और लोकगीतों की थाप पर थिरकती हैं और मुस्कुरा कर शरमाते हुऐ अपने साथी की तरफ देखती हैं। बुंदेली राई के नाम से जाना जाने वाले इस नृत्य को गाँवों में खुशी का जश्न मनाने के लिए महिलाएं और पुरुष करते हैं। बुंदेली राई बुंदेलखंड का पारंपरिक लोक नृत्य है। राई का मतलब सरसों होता है। जिस तरीके से तश्तरी में रखे सरसों के दाने घूमते हैं, उसी तरह नर्तक भी नगाड़िया, ढोलक, झीका और रामतूला के पारंपरिक वाद्ययंत्रों की थाप पर नाचते हैं।

 

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