Scholarship Scam In Khargone: 84 लाख का छात्रवृत्ति घोटाले का सनसनीखेज मामला, अधिकारियों ने फर्जी खातों में डाली स्कॉलरशिप की राशि, तीन पर दर्ज कराई FIR

84 लाख का छात्रवृत्ति घोटाले का सनसनीखेज मामला...Scholarship Scam In Khargone: Sensational case of scholarship scam of 84 lakhs

Scholarship Scam In Khargone | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • 84 लाख का छात्रवृत्ति घोटाले का सनसनीखेज मामला,
  • अधिकारियों ने फर्जी खातों में डाली स्कॉलरशिप की राशि,
  • तीन पर दर्ज कराई FIR, एक गिरफ्तार,

खरगोन : Scholarship Scam In Khargone: खरगोन के किला परिसर स्थित पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में 84 लाख रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस घोटाले में विभाग के ही अधिकारियों और कर्मचारियों ने छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की राशि का गबन किया।

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Scholarship Scam In Khargone: विभाग में पदस्थ लेखा शाखा के प्रभारी शेखर रावत ने अपने साथी कर्मचारी की मदद से लाखों रुपये का फर्जीवाड़ा किया हैं।आरोपी शेखर रावत ने कर्ज चुकाने के लिए कई फर्जी खातों में राशि ट्रांसफर कर गबन किया गया । साल 2021-22 और 2022-23 के दौरान हुई संदिग्ध लेन-देन की जांच में छात्रवृत्ति राशि के हेरफेर की पुष्टि हुई। कलेक्टर भव्या मित्तल के निर्देश पर सहायक संचालक इतिशा जैन, डीडीओ क्रिएटर आशीष दुबे और लेखा शाखा प्रभारी शेखर रावत पर धारा 420 और 409 के तहत FIR दर्ज की गई। मुख्य आरोपी शेखर रावत को पहले ही पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।

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Scholarship Scam In Khargone: जिला कोषालय अधिकारी आनंद पटले, तत्कालीन अपर कलेक्टर जेएस बघेल और सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य की जांच समिति ने दस्तावेजों की जांच के बाद 84 लाख रुपये के गबन की पुष्टि की। छात्रों की छात्रवृत्ति राशि को डिजिटल सिग्नेचर और बैंक खातों में हेरफेर कर निकाला गया। दो कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच अभी जारी है। सहायक संचालक इशिता जैन के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा गया हैं। खरगोन एसपी धर्मराज मीना ने बताया कि इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं और जांच के बाद अन्य आरोपियों की संलिप्तता उजागर हो सकती है। यह घोटाला प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का एक बड़ा उदाहरण है, जिसे लेकर अब सख्त कार्रवाई की जा रही है।

"खरगोन छात्रवृत्ति घोटाला" क्या है?

यह 84 लाख रुपये का घोटाला है, जिसमें विभाग के अधिकारियों ने छात्रों की छात्रवृत्ति राशि को फर्जी खातों में ट्रांसफर कर गबन किया।

"इस घोटाले में कौन-कौन से अधिकारी शामिल हैं?"

मुख्य आरोपी शेखर रावत, सहायक संचालक इशिता जैन, डीडीओ क्रिएटर आशीष दुबे और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ जांच चल रही है।

"छात्रवृत्ति घोटाले में कौन-कौन से कानूनी कदम उठाए गए हैं?"

कलेक्टर के निर्देश पर धारा 420 (धोखाधड़ी) और धारा 409 (सरकारी धन के गबन) के तहत FIR दर्ज की गई है, और मुख्य आरोपी शेखर रावत को गिरफ्तार किया जा चुका है।

"छात्रवृत्ति राशि का गबन कैसे किया गया?"

आरोपी अधिकारियों ने डिजिटल सिग्नेचर और फर्जी बैंक खातों के जरिए छात्रवृत्ति राशि में हेरफेर किया और पैसे को निजी उपयोग में लिया।

"क्या इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं?"

हाँ, पुलिस और प्रशासन अब भी इस मामले की जांच कर रहे हैं, और हो सकता है कि इस घोटाले में अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता भी उजागर हो।