Reported By: Naveen Singh
,MP News/Image Source: IBC24
भोपाल: MP News मध्यप्रदेश में श्री कृष्ण को माखन चोर कहे जाने पर नयी सियासत शुरु हो गयी है। सीएम मोहन यादव के एक बयान के जरिए कांग्रेस सनातनी इतिहास के साथ छेड़छाड़ का दावा कर रही है, तो दूसरी तरफ बीजेपी सरकार की तरफ से ये तर्क दिया जा रहा है कि कृष्ण माखन चोर नहीं थे बल्कि माखन चोरी के जरिए कृष्ण कंस के खिलाफ बाल विद्रोह की लीला भर कर रहे थे।
MP News मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के इस बयान ने नयी बहस छेड़ दी है। बहस ये कि क्या वाकई सृष्टि के पालनहार श्री कृष्ण माखन चोर थे या नहीं? फिलहाल मुख्यमंत्री का ये बयान उस वक्त आया जब वो जन्माष्टमी के मौके पर कृष्ण के चरित्र की व्याख्या कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री कृष्ण और उनकी ग्वालटोली की माखन चोरी का मकसद कंस के प्रति उनका बाल विद्रोह था, लेकिन समय के साथ जाने अनजाने में उस विद्रोह की व्याख्या बदल गई और कृष्ण को माखन चोर कहने की प्रथा चल पड़ी।
जाहिर है अब मध्यप्रदेश की सरकार एक नये अभियान की शुरुआत करने जा रही है। जिसके जरिए सनातनियों को ये बताया जाएगा कि श्री कृष्ण माखन चोर नहीं थे बल्कि बाल विद्रोही थे। खैर,इस बहस को तार्किक नज़रिए से देखने वाले विद्वानों को भी ज़रुर सुनना चाहिए।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के बयान पर सियासत भी गरमा गयी है। कांग्रेस को ऐतराज है। कांग्रेस कह रही है कि इतिहास बदलने के बजाए बीजेपी सरकार जनता को सुशासन का माखन खिलाए। उधर बीजेपी कह रही है कि सरकार की ये कोशिशें बेहतर हैं। हर सनातनी को मालूम होना चाहिए कि उनके आराध्य क्या थे और उन्हें क्यों याद किया जाता है।
जन्माष्टमी के मौके पर श्रीकृष्ण की लीलाओं को लेकर सीएम मोहन यादव की व्याख्या अब सियासी तकरार की बड़ी वजह बन गयी है, लेकिन सवाल ये भी है कि क्या सनानती इसिताहस पर नयी बहस की शुरुआत है या फिर श्रीकृष्ण के जरिए राजनीति साधने का नया मौका।