भोपाल, 23 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश में पिछले डेढ़ महीने से अधिक समय तक चलाए गए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के पहले चरण के बाद राज्य के 42.74 लाख से अधिक मतदाताओं पर मतदाता सूची से नाम हटने का खतरा मंडरा रहा है। निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव कुमार झा ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए राज्य की मतदाता सूची का मसौदा जारी किया और बताया कि राज्य के कुल 5,74,06,143 मतदाताओं में से 5,31,31,983 मतदाताओं द्वारा गणना पत्र प्रस्तुत किए गए थे।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार 42,74,160 मतदाताओं ने अपने गणना पत्र प्रस्तुत नहीं किए।
झा ने कहा, ‘‘इन 42.74 लाख नामों में से 8.46 लाख यानी 1.47 प्रतिशत मतदाता मृत पाए गए, 31.51 लाख यानी 5.49 प्रतिशत या तो अनुपस्थित मिले या अन्य स्थानों पर स्थानांतरित हो गए जबकि 2.77 लाख लोग एक से अधिक स्थानों पर मतदाता के रूप में दर्ज पाए गए।’’
उन्होंने कहा कि मतदाता नामावलियों में एक से अधिक स्थानों पर नामांकित पाए गए मतदाताओं का नाम केवल एक स्थान पर ही रखा जाएगा।
अधिकारी ने कहा कि योग्य मतदाता 23 दिसंबर से 22 जनवरी तक दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे और उसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अंतिम आंकड़े जारी किए जाएंगे।
झा ने कहा कि मतदाताओं की यह भागीदारी दर्शाती है कि एसआईआर की प्रक्रिया के प्रथम चरण में लोगों ने व्यापक और प्रभावी सहभागिता दिखाई।
निर्वाचन आयोग ने देशभर के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर की प्रक्रिया की घोषणा की थी।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में विधानसभा की कुल 230 और लोकसभा की 29 सीटें हैं और ये सभी 55 जिलों में फैले हुए हैं।
झा ने बताया कि राज्य में 4 नवंबर से शुरू हुए इस अभियान में 55 जिलों के निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ), 230 निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ), 532 सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (एईआरओ) तथा 65,014 मतदान केंद्रों पर तैनात बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) ने भागीदारी की और उनके समन्वित व सतत प्रयासों से निर्धारित समय सीमा में इस काम को पूरा किया गया।
उन्होंने कहा कि सभी छह राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के क्षेत्रीय प्रतिनिधियों जिनमें उनके जिला अध्यक्ष भी शामिल थे, द्वारा सक्रिय सहभागिता की गई तथा उनके द्वारा 1,35,882 बूथ लेवल एजेंट (बीएलओ ए) नियुक्त किए गए।
उन्होंने एसआईआर दिशानिर्देशों के पैरा 5 (बी) का हवाला देते हुए कहा कि ईआरओ/एआरओ द्वारा बिना किसी सूचना के 23 दिसंबर को प्रकाशित मसौदा सूची से कोई नाम नहीं हटाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि कोई भी असंतुष्ट मतदाता जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1950 की धारा 24 के तहत जिला मजिस्ट्रेट और उसके बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास अपील कर सकता है।
झा ने कहा कि अपील दायर करने में मतदाताओं की सहायता के लिए स्वयंसेवकों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘आयोग, पारदर्शी, सहभागी और समावेशी पुनरीक्षण प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध है ताकि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए और कोई अपात्र नाम मतदाता सूची में रह ना जाए।’’
भाषा
दिमो, ब्रजेन्द्र
रवि कांत