MP Budget 2025: ‘लाडली बहना’ सहायता राशि बढ़ाने पर सरकार ने साधी चुप्पी, कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के बजट को ‘खोखले वादों’ से भरा बताया

MP Budget 2025: कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य की बहनें लाडली बहना कार्यक्रम के तहत मासिक सहायता राशि 1,250 रुपये से बढ़ाकर तीन हजार रुपये किए जाने का इंतजार कर रही हैं, लेकिन सरकार ने इस चुनावी वादे के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा।

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  • Publish Date - March 12, 2025 / 10:20 PM IST,
    Updated On - March 12, 2025 / 10:33 PM IST

MP Budget 2025 | Source : IBC24

HIGHLIGHTS
  • लाडली बहना लाभार्थियों की संख्या में कमी आ रही
  • सरकार ने इस चुनावी वादे के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा
  • 2025-26 के लिए 4.21 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश

भोपाल:  MP Budget 2025, विपक्षी कांग्रेस ने बुधवार को मध्यप्रदेश के बजट को ‘खोखले वादों’ से भरा बताया और भाजपा सरकार पर लोकप्रिय लाडली बहना योजना के तहत सहायता राशि बढ़ाने पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने नौकरियों एवं कर्ज को लेकर बजट की आलोचना की तथा आरोप लगाया कि बजट में किसानों के हितों की अनदेखी की गई है।

इससे पहले वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 2025-26 के लिए 4.21 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जिसमें कोई नया कर नहीं लगाया गया है, तथा धार्मिक स्थलों के विकास के लिए नई योजनाओं की घोषणा की गई है। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में यह परिव्यय 15 प्रतिशत अधिक है। कमलनाथ ने एक बयान में कहा कि हालांकि यह भाजपा सरकार का दूसरा बजट था, लेकिन पार्टी द्वारा किए गए चुनावी वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं।

MP Budget 2025, कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य की बहनें लाडली बहना कार्यक्रम के तहत मासिक सहायता राशि 1,250 रुपये से बढ़ाकर तीन हजार रुपये किए जाने का इंतजार कर रही हैं, लेकिन सरकार ने इस चुनावी वादे के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार के गठन के बाद से लाडली बहना लाभार्थियों की संख्या में कमी आ रही है। उन्होंने कहा कि कन्या विवाह योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या भी 2023-24 की तुलना में 2024-25 में 77 प्रतिशत कम हो गई है।

कमलनाथ ने आरोप लगाया कि किसानों को उम्मीद थी कि भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र के अनुरूप गेहूं और धान के लिए क्रमश: 2,700 रुपये और 3,100 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाएगा, लेकिन वित्त मंत्री ने इस बारे में भी एक शब्द नहीं कहा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में किसान खाद, बीज, बिजली और पानी से संबंधित संकटों से जूझ रहे हैं, लेकिन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने इसे ‘भ्रामक’ बजट बताया। पटवारी ने एक बयान में कहा, ‘‘इस बजट में विकास के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। इसे कर्ज बढ़ाने, कमीशनखोरी को संस्थागत बनाने और भ्रष्टाचार को मजबूत करने के लिए तैयार किया गया है। यह बजट भाजपा सरकार की विफलताओं और जनविरोधी नीतियों को उजागर करता है।’’ उन्होंने कहा कि इस बजट के जरिए सरकार ने एक बार फिर कर्ज की सीमा बढ़ा दी है जबकि प्रदेश पहले से ही भारी कर्ज में डूबा हुआ है, लेकिन सरकार को सिर्फ भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी की चिंता है।

उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार ने 39 नए औद्योगिक क्षेत्रों में तीन लाख नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन सरकारी विभागों में हजारों पद खाली पड़े हैं। पटवारी ने कहा कि भाजपा सरकार का असली चेहरा अब सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि बजट में किसानों को कोई राहत नहीं दी गई है।

नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने कहा कि बजट से राज्य के हर व्यक्ति पर 50 हजार रुपये से अधिक का बोझ पड़ेगा। उन्होंने मीडिया को जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘सरकार कर्ज लेकर कर्ज चुका रही है।’’ उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने लोगों को सपने दिखाए, लेकिन सरकार के पास इस बात का कोई स्पष्ट जवाब नहीं है कि ये सपने कब पूरे होंगे।

कांग्रेस नेता ने 100 आदिवासी गांवों को सौर ऊर्जा देने की घोषणा को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। आदिवासी नेता ने पूछा,‘‘क्या सरकार को सिर्फ 100 गांव ही दिख रहे हैं, बाकी का क्या होगा।’’

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