Morena E-Tender Scam: 3.46 करोड़ का ई-टेंडर घोटाला! चहेते ठेकेदार को फायदा पहुंचाने वाले PHE अधिकारी निलंबित, अब खुलने लगीं घोटाले की परतें

Morena E-Tender Scam: 3.46 करोड़ का ई-टेंडर घोटाला! चहेते ठेकेदार को फायदा पहुंचाने वाले PHE अधिकारी निलंबित, अब खुलने लगीं घोटाले की परतें

Morena E-Tender Scam | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • मुरैना में 3.46 करोड़ का ई-टेंडर घोटाला,
  • पीएचई अधिकारी निलंबित,
  • घोटाले की परतें खुलने लगीं,

मुरैना: Morena E-Tender Scam: मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) में करोड़ों का ई-टेंडर घोटाला सामने आया है। मुरैना जिले में पदस्थ प्रभारी कार्यपालन यंत्री संतोषी लाल बाथम पर ठेकेदार को अनुचित लाभ पहुँचाने के गंभीर आरोप लगे हैं। मामला सामने आते ही विभाग ने कार्रवाई करते हुए संबंधित अधिकारी को निलंबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि नल-जल योजना में काम करने वाले ठेकेदारों को राजनेताओं का संरक्षण प्राप्त है इसलिए अधिकारियों ने इस तरह का भ्रष्टाचार ठेकेदारों के साथ मिलकर किया है।

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Morena E-Tender Scam: घोटाले का आरोप मुरैना खंड के प्रभारी कार्यपालन यंत्री एस. एल. बाथम पर है। जाँच में सामने आया है कि बाथम ने अपने चहेते ठेकेदार डंडोतिया कंस्ट्रक्शन कंपनी को टेंडर दिलाने के लिए निविदा दरों में हेराफेरी की। 346 लाख यानी 3.46 करोड़ रुपये का टेंडर जल जीवन मिशन के तहत टिकटोली-टूमदार गाँव के लिए जारी किया गया था। निविदा 11 अप्रैल को खोली गई जिसमें तीन ठेकेदारों ने आवेदन किया। सबसे कम दर मंगलदास बोरवेल की थी लेकिन नियमों को ताक पर रखकर दीनदयाल तिवारी की निविदा दर 19.49 प्रतिशत तक बढ़ा दी गई और अनुबंध उसी के साथ किया गया। इतना ही नहीं इस हेराफेरी के आधार पर 2 करोड़ 64 लाख 93 हज़ार रुपये का भुगतान भी फर्जी सीपेट रिपोर्ट के आधार पर ठेकेदार को कर दिया गया।

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Morena E-Tender Scam: मामले के उजागर होते ही विभाग ने संतोषी लाल बाथम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय ग्वालियर पीएचई मुख्य अभियंता कार्यालय रखा गया है। यह घोटाला सामने आने के बाद जल जीवन मिशन के तहत किए गए अन्य कार्यों की भी विस्तृत जांच की मांग उठने लगी है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या इस गड़बड़ी में और अधिकारी भी शामिल थे? और क्या उन पर भी जल्द कार्रवाई होगी? फिलहाल कार्रवाई की शुरुआत हो चुकी है। लेकिन पूरी सच्चाई सामने आना अभी बाकी है,ऐसे में ज़रूरी है कि हर स्तर पर जवाबदेही तय की जाए। अधिकारी भी इस पूरे मामले पर नज़र बनाए हुए हैं।

मुरैना ई-टेंडर घोटाला क्या है?

"मुरैना ई-टेंडर घोटाला" एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला है जिसमें पीएचई विभाग के प्रभारी कार्यपालन यंत्री संतोषी लाल बाथम ने ठेकेदार को अनुचित लाभ पहुँचाने के लिए टेंडर दरों में हेराफेरी की।

"मुरैना ई-टेंडर घोटाला" में किस योजना के तहत भ्रष्टाचार हुआ?

यह घोटाला जल जीवन मिशन के तहत टिकटोली-टूमदार गाँव की नल-जल योजना के टेंडर में सामने आया है।

"मुरैना ई-टेंडर घोटाला" में कितना नुकसान हुआ है?

इस घोटाले में करीब 3.46 करोड़ रुपये का टेंडर गलत तरीके से आवंटित किया गया और 2.64 करोड़ रुपये का भुगतान भी फर्जी सीपेट रिपोर्ट के आधार पर किया गया।

क्या "मुरैना ई-टेंडर घोटाला" में और अधिकारी भी शामिल हैं?

फिलहाल सिर्फ एक अधिकारी को निलंबित किया गया है, लेकिन जांच जारी है और अन्य अधिकारियों की भूमिका भी जांच के घेरे में है।

"मुरैना ई-टेंडर घोटाला" में अब तक क्या कार्रवाई हुई है?

संतोषी लाल बाथम को तत्काल निलंबित कर दिया गया है और उनका मुख्यालय ग्वालियर स्थानांतरित किया गया है। आगे की जांच के आदेश दिए गए हैं।