MP civic polls: Both ministers could not save their stronghold

MP निकाय चुनाव: दोनों मंत्री नहीं बचा पाए अपना गढ़ ,56 साल बाद ग्वालीयर पर कांग्रेस की सत्ता, AAP की “जबरदस्त एंट्री”

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:51 PM IST, Published Date : July 18, 2022/3:03 pm IST

MP civic polls : मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय के चुनाव के परिणामों के आने के बाद कहीं जीत की खुशी का माहौल है,तो कहीं हार का गम। जिसकी उम्मीद तक नहीं ऐसे दिग्गजों ने जीत हासिल कर विरोधियों को मुंहतोड़ जबाव दिया है। प्रदेश के सभी नगर निगमों के चुनावी परिणाम जनता के सामने आ चुके है। 11 नगर निगमों के महापौर में से सात पर भाजपा,तीन पर कांग्रेस और एक पर आम आदमी पार्टी ने अपना परचम लहराया है। आम आदमी पार्टी के इतिहास बनाते हुए राज्य के किसी चुनाव में अपनी जीत का शंखनाद कर दिया है। सिंगरौली से मिली “आप” को जीत मे वहां के 17 सीटों पर पार्षदों ने जीत कर पार्टी का प्रदेश में एक शक्ति के साथ उभार दिया है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां Click करें*<<

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“आप” का निशाना 2023 विधानसभा चुनाव पर

MP civic polls : सिंगरौली में “आप” की जीत के बाद पार्टी की नजर अब 2023 के विधानसभा चुनाव पर रहेगी। पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब मध्यप्रदेश में इस जीत के बाद विधानसभा में अपने उम्मीदवारों को उतारेंगे। प्रदेश में “आप” का जीतना एक चौकानें वाली खबर है। दिल्ली-पंजाब जीतने के बाद प्रदेश में “आप” का महापौर के साथ विधानसभा में जीत की एक किरण नजर आती हुई दिख रही है। अगर माना जाए तो विधानसभा चुनाव तक प्रदेश के कई जिलों में अपना प्रचार- प्रसार शुरू कर देंगे।

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सिंधिया और तोमर नहीं बचा पाए अपना गढ़

MP civic polls : इस चुनावी महासंग्राम में प्रदेश के दो दिग्गज ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेन्द्र सिंह तोमर के क्षेत्र में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा । अगर ग्वालियर नगर निगम की बात करें तो भाजपा को अलविदा कहकर कांग्रेस का दामन थामने वाले सतीश सिकरवार की पत्नी शोभा सिकरवार का जीतना बड़ा झटका दे गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि 57 साल बाद यहां कांग्रेस वापिस सत्ता में आई है। सिंधिया के गढ़ से भाजपा की हार होना बहुत से सवालों पर प्रश्न चिन्ह उठा रहा है। वहीं कांग्रेस की इस जीत के बाद ट्वीट करते हुए कांग्रेस की जी तोड़ मेहनत बताया है। वहीं ऐसी हार का सामना वह भी अपने घर से यह  सिंधिया ने कभी सोचा भी नहीं होगा।

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ससुराल में नहीं चला दोनों दामादों का जादू,सासंद नहीं दिला सके जीत

MP civic polls : वहीं जबलपुर में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला हैं। जबलपुर से सांसद राकेश सिंह भी अपने महापौर को जीत नहीं दिला सके। जबलपुर नगर निगम लगभग 23 सालों से भाजपा का था लेकिन इस बार कांग्रेस ने जबलपुर महाकौशल को जीतकर भाजपा को करारी शिकस्त दी जबकि अगर देखा जाए तो जबलपुर सीनियर नेताओं की कर्मस्थली मानी जाती है। जबलपुर से कांग्रेस के जगतबहादुर सिंह अन्नू से भाजपा के डॉ जितेन्द्र जामदार को भारी मतों से हराया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का ससुराल माना जाता है लेकिन ससुराल वालों ने अपने ही दामाद की बातों से किनारा कर जनता ने भाजपा महापौर का हराया।

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पूर्व मंत्री के बेटे ने बिगाड़ा भाजपा का खेल

MP civic polls : प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया ने बीजेपी को अलविदा कहकर खुद की पार्टी टीम सिद्धार्थ मलैया का गठन किया और वार्डों में अपने पार्षद उतार दिए। पहली बार अपनी पार्टी को चुनावी मैदान में उतारने के बाद सिद्धार्थ की पार्टी से 5 पार्षदों ने जीत हासिल की और भाजपा का पूरा समीकरण बिगाड़कर नगर सत्ता का सपना चकनाचूर कर दिया। हालांकी दमोह में अभी किसी पार्टी को बहुमत नहीं लेकिन कांग्रेस का सत्ता में आने की बात सामने आ रही है। भाजपा से खफा होकर सिद्धार्थ मलैया ने बनाई थी खुद की टीएसएम पार्टी।

 

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